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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने ग्रामीण समुदायों की विद्युत ऊर्जा ज़रूरतों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा माइक्रोग्रिड पावर प्लांट का उद्घाटन किया

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने नेशनल मिशन ऑन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (एनएएमपीईटी) कार्यक्रम के अंतर्गत सी-डैक, तिरुवनंतपुरम द्वारा ग्रामीण समुदायों की विद्युत ऊर्जा ज़रूरतों के लिए बनाई गई हाइब्रिड ग्रीन एनर्जी माइक्रोग्रिड की स्वदेशी तकनीक का आज यहां कोट्टूर, तिरुवनंतपुरम स्थित हाथी पुनर्वास केंद्र में शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अलकेश कुमार शर्मा ने कहा कि “इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय सी-डैक के माध्यम से विशिष्ट प्रौद्योगिकी विकास और उसके क्रियान्वयन को साकार करने को वरीयता दे रहा है और भरपूर प्रयास कर रहा है। भरोसेमंद हरित ऊर्जा आधारित यह माइक्रोग्रिड हाथी पुनर्वास केंद्र में पशु चिकित्सालयों की महत्वपूर्ण प्रणालियों के लिए बिजली संबंधी उपाय प्रदान कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को इस दिशा में बेहतरीन प्रदर्शन और कुशल प्रौद्योगिकी और प्रणाली विकास पर लगाने की ज़रूरत है। इस प्रौद्योगिकी को व्यापक तैनाती के माध्यम से दूरदराज के समुदायों तक प्रसारित किया जाएगा।”

श्री अलकेश कुमार शर्मा ने कहा, “प्रौद्योगिकी मूल्यांकन के लिए वन विभाग द्वारा की जा रही यह पहल और सहायता सराहनीय है। यहां वन्य प्राणियों के पुनर्वास में भी हरित तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। इस प्रणाली का उपयोग समाज, विशेषकर युवा पीढ़ी और स्कूली बच्चों तक ऐसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए किया जाएगा।”

माइक्रोग्रिड: नवीकरणीय ऊर्जा माइक्रोग्रिड एक स्वायत्त, स्थानीयकृत और आत्मनिर्भर ऊर्जा प्रणाली है जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपने प्राथमिक उत्पादन इनपुट के रूप में शामिल करती है। नवीकरणीय ऊर्जा माइक्रोग्रिड के प्रमुख आधारों में विभिन्न घटक और सिस्टम शामिल हैं जो स्थानीय और टिकाऊ तरीके से बिजली पैदा करने, उसके भंडारण, प्रबंधन और वितरण के लिए मिलकर काम करते हैं। माइक्रोग्रिड के ऑफ-ग्रिड मोड परिचालन में, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और उसके पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता देते हुए एक विशिष्ट क्षेत्र या समुदाय के भीतर बिजली का उत्पादन, भंडारण और वितरण किया जाता है। इसके ऑन-ग्रिड मोड परिचालन में, अगर बिजली उत्पादन स्थानीय ज़रूरत से ज्यादा होता है तो यह माइक्रोग्रिड उपयोगिता ग्रिड के साथ संवाद करके बिजली के निर्यात में सक्षम होगा।

सिलिकॉन कार्बाइड का उपयोग करने वाली एक विशिष्ट 25 किलोवाट पावर कंडीशनिंग यूनिट (पीसीयू) तकनीक, 50 किलोहर्ट्ज पर चलने वाला एक वाइड बैंड गैप (डब्ल्यूबीजी) सेमीकंडक्टर डिवाइस और भारी 50 हर्ट्ज ट्रांसफार्मर को टालते हुए इस हाथी पुनर्वास केंद्र में लागू माइक्रोग्रिड योजना में सिस्टम को बहुत कॉम्पैक्ट बनाया गया है और दूरस्थ एक कंटेनर आधारित तैनाती को सक्षम किया गया है। उपरोक्त प्रौद्योगिकी सीडीएसी द्वारा विकसित की गई है।

इस अवसर पर मंत्रालय के अधिकारी, डॉ. ओम कृष्ण सिंह, वैज्ञानिक ‘डी’; मंत्रालय के अन्य गणमान्य व्यक्ति; सी-डैक, तिरुवनंतपुरम और वन विभाग, केरल सरकार के प्रतिनिधि उपस्थित थे।