‘उच्च शिक्षण संस्थानों के आवधिक मूल्यांकन और मान्यता प्रक्रिया को सशक्त बनाने’ के बारे में रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया/सुझाव मांगने की अंतिम तिथि 15 अगस्त, 2023 तक बढ़ा दी गई है
भारत सरकार ने दिनांक 03 नवम्बर, 2022 को एक आदेश के अंतर्गत आईआईटी कानपुर के शासक-मंडल के चेयरमैन तथा आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की परिकल्पना के अनुरूप महत्वपूर्ण सुधारों की शुरुआत और सत्यापन योग्य एवं सुरक्षित उच्च शैक्षणिक संस्थानों के अनुमोदन, मान्यता तथा रैंकिंग के लिए एक सरल, विश्वास-आधारित, उद्देश्यपूर्ण और प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक प्रणालियों के माध्यम से सुरक्षित केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने के लिए तर्कसंगत प्रणाली अपनाने की आवश्यकता पर विचार किया। समिति द्वारा हितधारकों के लिए व्यवसाय करने में सुगमता की सुविधा प्रदान करने, संस्थानों/कार्यक्रमों के चयन के लिए सूचित विकल्प चुनने में विद्यार्थियों को उचित सुविधा प्रदान करने की पद्धतियों पर भी विचार किया गया। विचार-विमर्श की एक श्रृंखला के बाद, समिति ने ‘भारत में सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के आवधिक मूल्यांकन और मान्यता को मजबूत करने के लिए परिवर्तनकारी सुधार’ पर अपनी मसौदा रिपोर्ट भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी। इससे पहले, रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया/सुझाव लेने के लिए इस रिपोर्ट को 19 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र में प्रस्तुत किया गया था।
अब, सार्वजनिक क्षेत्र में रखी गई रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया/सुझाव देने की अंतिम तिथि 15 अगस्त, 2023 तक बढ़ा दी गई है।