दलाई लामा ने की भारत की तारीफ, कहा भारत में अहिंसा और धार्मिक सद्भावना विश्व के लिए उदाहरण है
तिब्बत के सबसे बड़े धर्मगुरु दलाई लामा ने श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित ‘Maha Satipatthana Sutta’ कार्यक्रम कहा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा धार्मिक सहिष्णुता भारत में है। दलाई लामा उस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब वो एक रिफ्यूजी के तौर पर भारत पहुंचे तब उन्होंने यहां सबसे ज्यादा अहिंसा और धार्मिक शांति, सद्भावना पाया।
इस आयोजन में उन्होंने करीब 600 बौद्ध भिक्षु से बातचीत की। यह सभी संत श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया, मयन्मार और थाइलैंड के थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित अपने आवास से इस इवेंट को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन तिब्बती बुद्धिस्ट ब्रदरहुड सोसयटी ने किया था। इसका मकसद श्रीलंका और तिब्बती के लोगों के बीच बौद्ध धर्म से जुड़े इतिहास के प्रति उन्हें जागरुक करना था। दलाई लामा ने अपने संबोधन के दौरान भारत की धार्मिक परंपराओं की प्रशंसा की और भारत में अहिंसा के पढ़ाए गए पाठ की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि, ‘भारतीय धार्मिक परंपराओं में अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है। इन पाठों में दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाने की बात कही गई है। पिछले 3,000 साल से भारत में अहिंसा और करुणा सिखाया जा रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए भारत में इस्लाम, क्रिश्चन, ईसाई, यहूदी समेत दुनिया के अन्य कई धर्मों के मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं। भारत दुनिया भर में आपसी धार्मिक सौहार्द का बेहतरीन उदाहरण है। भारत में मैंने जो अहिंसा और धार्मिक सद्भावना देखा है वो सबसे अच्छा है।