निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने ‘भारत में निवेशक संरक्षण की रूपरेखा: चुनौतियां और आगे की राह’ थीम के तहत वेबिनार का आयोजन किया
निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के साथ साझेदारी में ‘भारत में निवेशक संरक्षण की रूपरेखा: चुनौतियां और आगे की राह’ थीम के तहत एक महत्वपूर्ण वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस वेबिनार में सरकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, और उद्योग विशेषज्ञों सहित विभिन्न हितधारक एकत्रित हुए।
मुख्य भाषण सुश्री अनीता शाह अकेला, सीईओ, आईईपीएफए और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) में संयुक्त सचिव द्वारा दिया गया। सुश्री अकेला के संबोधन में अत्यंत तेजी से विकसित हो रहे वित्तीय परिदृश्य में वित्तीय शिक्षा और संरक्षण के विशेष महत्व को रेखांकित किया गया। सुश्री अकेला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चूंकि वित्तीय बाजार बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं, इसलिए ऐसे में पर्याप्त एवं सटीक जानकारियों के आधार पर ही कोई भी निर्णय लेना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना सर्वोपरि महत्व रखता है।
सुश्री अकेला ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि आर्थिक रूप से प्रबुद्ध व्यक्ति सटीक वित्तीय निर्णयों के जरिए व्यापक आर्थिक प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने ‘वित्तीय रूप से शिक्षित’ व्यक्ति की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसमें आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, एवं कुशल धन प्रबंधन की व्यापक समझ होती है, और बजट, बचत, निवेश और उपभोक्ता के सामने मौजूद विकल्पों के बारे में व्यावहारिक निर्णय लेने की क्षमता होती है। सुश्री अकेला ने कहा, ‘यह समग्र ज्ञान व्यक्तियों को वित्तीय संसाधनों, परिसंपत्तियों, ऋण, बीमा, करों की जटिल बातों को समझने, और विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाता है जिसकी गूंज संबंधित परिवारों से परे भी सुनाई देती है और जो समुदायों एवं समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।’
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह था कि ‘भारत में निवेशक संरक्षण की रूपरेखा: चुनौतियां और आगे की राह’ पर एक प्रेरक पैनल परिचर्चा आयोजित की गई। सम्मानित पैनलिस्टों ने बीमा, डिजिटल पहल, साइबर अपराध संबंधी जागरूकता, निरंतर विकसित होती बैंकिंग प्रणालियों और निवेशक जागरूकता बढ़ाने में नियामक निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका सहित विभिन्न विषयों पर अपनी विशेषज्ञता साझा की।
विशिष्ट पैनलिस्टों में ये शामिल थे:
श्री धीरेंद्र कुमार: वैल्यू रिसर्च के संस्थापक। श्री कुमार ने बीमा प्रपत्रों की व्यावहारिकता और निवेश निर्णय लेने से पहले निवेशकों को सरल एवं व्यापक सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।
श्री आर.के. नायर: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के पूर्व सदस्य। श्री नायर ने निवेशकों को बीमा के बारे में व्यावहारिक और पारदर्शी जानकारियां उपलब्ध कराने पर विशेष जोर देते हुए बीमा विषयों के बारे में विस्तार से बताया।
श्री नीरज निगम: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में कार्यकारी निदेशक। श्री निगम ने निरंतर विकसित हो रही बैंकिंग प्रणालियों और आधुनिक समय में निवेशकों की जागरूकता बढ़ाने में आरबीआई की भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान की।
श्री गंगेश वर्मा: सराफ एंड पार्टनर्स में प्रौद्योगिकी और नीति के प्रमुख एसोसिएट। श्री वर्मा ने निवेशकों की जागरूकता के लिए डिजिटल पहल और साइबर अपराध की रोकथाम के बारे में निवेशकों को शिक्षित करने की अपरिहार्य आवश्यकता पर चर्चा की।
इस सार्थक पैनल परिचर्चा का संचालन एनसीएईआर में आईईपीएफ चेयर प्रोफेसर डॉ. सी.एस. महापात्रा ने कुशलतापूर्वक किया।
इस कार्यक्रम का समापन करते हुए आईईपीएफए के एजीएम श्री सुमित अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और उपस्थित प्रबुद्ध हस्तियों के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने इस वेबिनार की सहयोगात्मक भावना को रेखांकित किया जिसने वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के साझा लक्ष्य के प्रति संबंधित हितधारकों को एकजुट किया।
इस वेबिनार की शानदार सफलता तेजी से विकसित हो रहे वित्तीय परिदृश्य में वित्तीय जागरूकता बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। चूंकि वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं डिजिटल बदलाव और वित्तीय समावेशन को अपना रही हैं, अत: इस कार्यक्रम में इस तरह की प्रगति की वास्तविक संभावना को उन्मुक्त करने में वित्तीय साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। इस वेबिनार ने सतत सहयोग और पहल के लिए मंच तैयार किया है जो नि:संदेह सभी के लिए एक समृद्ध वित्तीय भविष्य को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करेगा।
आईईपीएफए के बारे में
निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना 7 सितंबर, 2016 को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में निवेशकों को शेयरों, दावा न किए गए लाभांश, और परिपक्व जमा/डिबेंचर, इत्यादि को रिफंड करने के लिए निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष का प्रबंधन करने के उद्देश्य से की गई थी।
एनसीएईआर के बारे में
एनसीएईआर भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्वतंत्र आर्थिक थिंक टैंक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1956 में सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्रों के लिए सटीक नीतिगत विकल्पों के बारे में सूचित करने के लिए की गई थी। यह दुनिया भर के कुछ स्वतंत्र थिंक टैंकों में से एक है जो विशेष रूप से बड़े पैमाने पर पारिवारिक सर्वेक्षणों के लिए गहन डेटा संग्रह क्षमताओं के साथ सटीक आर्थिक विश्लेषण और नीतिगत आउटरीच या संपर्क को जोड़ता है। एनसीएईआर का नेतृत्व इसकी महानिदेशक डॉ. पूनम गुप्ता कर रही हैं, जो इस संस्था की पहली महिला प्रमुख हैं, जिन्होंने 1 जुलाई 2021 को पदभार ग्रहण किया था, और इसके साथ ही यह एक स्वतंत्र शासी निकाय द्वारा शासित है, जिसके अध्यक्ष वर्तमान में श्री नंदन एम. नीलेकणि हैं।