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पश्चिम बंगाल के वर्धमान में तीन किसानों ने की आत्महत्या, बेमौसम बारिश से फसल हुई थी बर्बाद

पिछले दो दिनों में पश्चिम बंगाल के पूर्व वर्धमान जिले में तीन किसान मृत पाए गए हैं। रविवार को पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। मृतक किसानों के परिवारों ने दावा किया कि चक्रवात जवाद की वजह से बेमौसम बारिश से आलू और धान की फसलें खराब होने के बाद इन किसानी ने आत्महत्या की है। जिला प्रशासन घटनाओं की जांच में जुटी हुई है।

घटनाओं की चल रही है जांच
शनिवार को दो किसान रैना प्रथम मंडल में देबीपुर और बंतीर गांवों में अपने घरों में फांसी के फंदे से लटके पाए गए। शुक्रवार को एक अन्य किसान कलना द्वितीय मंडल के बिरुहा गांव में अपने घर में फांसी के फंदे से लटका पाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए वर्धमान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेज दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका सिंगला ने बताया कि घटनाओं की जांच की जा रही है।

फसल के नुकसान से आत्महत्या न होने का दावा
रैना प्रथम मंडल के बीडीओ सौमेन बानिक के अनुसार प्रारंभिक जांच के बाद यह पाया गया है कि फसलों को हुए नुकसान की वजह से आत्महत्याएं नहीं की गयीं। पुलिस और कृषि विभाग को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है। कृषि पर राज्य सरकार के सलाहकार प्रदीप मजूमदार ने बताया कि किसानों ने आत्महत्या फसलों को हुए नुकसान की वजह से नहीं की होंगी, क्योंकि उन्हें एक हफ्ते पहले ही ‘कृषक बंधू’ योजना के तहत वित्तीय सहायता मिली थी। रैना की विधायक शम्पा धारा ने भी कहा है कि फसलों को हुए नुकसान की वजह से मौत नहीं हुई हैं।


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