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पावर सीपीएसई ने कैपेक्स निवेश में पिछले वर्ष की तुलना में 45% की वृद्धि दर्ज की

बिजली क्षेत्र की सरकारी कंपनियों द्वारा कैपेक्स निवेश इस वित्तीय वर्ष में बढ़ा है। बिजली मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर निवेश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

त्तीय वर्ष (एफवाई) 2021-22 के लिए बिजली मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का लक्ष्य 50,690.52 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, बिजली क्षेत्र के सीपीएसई ने नवंबर महीने तक 22,127 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया जो उस वित्त वर्ष के कुल खर्च का 49.3% था।

हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, बिजली मंत्रालय के सीपीएसई ने अब तक 32,137 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का निवेश किया है जो वार्षिक पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 63.4% है।

इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में समग्र और सापेक्ष रूप में मंत्रालय का पूंजीगत व्यय निष्पादन बेहतर है। कुल मिलाकर इसने पिछले साल के प्रदर्शन की तुलना में 45% की वृद्धि दिखाई है।

बुनियादी ढांचे के विकास की योजनाओं में भी मंत्रालय अच्छी प्रगति कर रहा है। इसने आईपीडीएस में 1593.72 करोड़ रुपये, डीडीयूजीजेवाई में 1007.51 करोड़ रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए ट्रांसमिशन विकास योजनाओं में 890 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अत: सीपीएसई द्वारा 32137.37 करोड़ रुपये के खर्च के अलावा, मंत्रालय की विकास योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे में 3491.23 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का निवेश किया गया है।

कुल मिलाकर, बिजली मंत्रालय ने नवंबर के अंत तक बुनियादी ढांचे के विकास में 35,628.6 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

बिजली मंत्रालय के सचिव द्वारा योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक आधार पर निगरानी की जा रही है। बिजली मंत्रालय नियमित निगरानी और अन्य मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों के साथ समन्वय के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी से प्रगति कर रहा है।