पीएम समुद्री अमृतकाल विजन की सफलता के साथ भारत का लक्ष्य वैश्विक समुद्री क्षेत्र का नेतृत्व करना है: श्री सर्बानंद सोनोवाल
भारत के बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 25 बंदरगाहों में शामिल होने के लिए बदलाव की दिशा में काम कर रहे हैं: श्री सोनोवाल
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने 1 ट्रिलियन रुपये के निवेश के साथ 162 परियोजनाओं का आकलन करने के लिए मध्यावधि समीक्षा बैठक की
समीक्षा बैठक में तेजी से विजन के क्रियान्वयन के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत समुद्री क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर है: श्री सोनोवाल
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग (एमओपीएसडब्ल्यू) और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां एक मध्यावधि समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक 2047 तक भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में अग्रणी बनाने के सर्वोच्च लक्ष्य के साथ ‘पीएम समुद्री अमृतकाल विजन’ के त्वरित और सुचारू कार्यान्वयन के लिए व्यापक दृष्टिकोण निर्धारित करने के लिए आयोजित की गई थी।
इस बैठक में मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम सागरमाला के साथ-साथ अन्य प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में 1 ट्रिलियन रुपये के निवेश परिव्यय वाली 162 परियोजनाओं की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली गई। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया। इसमें प्रमुख भारतीय बंदरगाहों और विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव पर खड़ा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में, समुद्री अमृतकाल विजन, 2047 को ठीक एक महीने पहले मुंबई में वैश्विक समुद्री क्षेत्र भारत शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था। यह दस्तावेज़ भारत के बंदरगाहों को सक्षम करने, शिपिंग क्षेत्र को सशक्त बनाने और जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के अंतिम लक्ष्य के साथ भारत को समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति में बदलने की दिशा में मोदी जी के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है। हम अपने बंदरगाहों को दुनिया के शीर्ष 25 बंदरगाहों में शामिल कराने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें 2047 तक भारत को समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में विज़न दस्तावेज़ के अक्षरशः क्रियान्वयन का लक्ष्य रखते हुए ‘पंच कर्म संकल्प’ पर कायम रहना चाहिए।
यह बैठक मई 2023 में ‘चिंतन शिविर’ के दौरान घोषित ‘पंच कर्म संकल्प’ के तहत की गई समग्र प्रगति की समीक्षा करने का अवसर देती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चिंतन शिविर 2023 के दौरान श्री सोनोवाल ने लक्ष्यों का मध्य वर्ष समीक्षा करने का वादा किया था और आज उन्होंने अपने वादे पर काम किया।
चिंतन शिविर के दौरान घोषित पंच कर्म संकल्प के तहत जेएनपीए, वीओसीपीए, पीपीए और डीपीए ग्रीन टग्स के निर्माण का ठेका देने के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ वाणिज्यिक शर्तों और तकनीकी विशिष्टताओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।
श्री सोनोवाल ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जीएमआईएस, 2023 में जबरदस्त नतीजे के बाद, जहां हमने 10 ट्रिलियन रुपये के निवेश के साथ 360 एमओयू को सफलतापूर्वक पूरा किया, वहीं अब उनके तेज और सुचारू निष्पादन का समय आ गया है। हम इन सभी पहलों की प्रगति पर नजर रखने के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र भारत विजन 2030 के साथ ही समुद्री अमृत काल विजन 2047 की समय पर समीक्षा के लिए एक मासिक समीक्षा तंत्र स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम सागरमाला कार्यक्रम में उपलब्धियों के पैमाने और गति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ‘पंच कर्म संकल्प’ पर चलते हुए हम कोचीन शिपयार्ड में ‘मेड इन इंडिया’ ग्रीन टग्स के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिससे निर्यात के लिए अवसरों का एक नया द्वार खुल रहा है। हमें दीन दयाल बंदरगाह और वीओ चिदंबरन बंदरगाह पर ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित करने के लिए भी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। इसी तरह, हमारे जलमार्गों को सशक्त बनाना मंत्रालय के लिए एक प्रमुख फोकस बना हुआ है क्योंकि मोदी जी ने देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग प्रणाली को पुनर्जीवित और दुरूस्त करने का निर्देश दिया है।
दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित कर रही है, जिसमें पोर्ट को वैश्विक ईओआई के साथ ही 13 संभावित डेवलपर्स से प्रमुख प्रतिक्रियाएं मिली हैं। संभावित डेवलपर्स द्वारा कुल 7 एमएमटीपीए से अधिक क्षमता वाले हरित अमोनिया उत्पादन की पेशकश की गई है। इससे 1.4 एमएमटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मांग को पूरा किया जा सकेगा।
वीओ चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण ने ग्रीन हाइड्रोजन हब के लिए 500 एकड़ जमीन चिह्नित की है। ग्रीन हाइड्रोजन/डेरिवेटिव उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए वीओसीपीए और एनजीईएल (एनटीपीसी की सहायक कंपनी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की मदद के लिए सामान्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अनुदान का प्रस्ताव एमएनआरई को पेश किया गया है।
अक्टूबर महीने में मुंबई में आयोजित वैश्विक समुद्री क्षेत्र भारत शिखर सम्मेलन, 2023 दुनिया के सबसे बड़े समुद्री शिखर सम्मेलनों में से एक बनकर उभरा। इसने 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। यह बड़ी उपलब्धि कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए विज़न दस्तावेज़ ‘अमृत काल विज़न 2047’ के लक्ष्यों के अनुरूप है। अपने पहले के संस्करण की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, जीएमआईएस के तीसरे संस्करण ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री हितधारकों के लिए व्यापक संभावनाओं का खुलासा किया।
इस भव्य आयोजन के दौरान 8.35 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 360 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और 1.68 लाख करोड़ रुपये की निवेश योग्य परियोजनाओं के साथ कुल मौद्रिक मूल्य 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। विभिन्न समझौता ज्ञापनों के विषय 3.8 लाख करोड़ रुपये की हरित पहल; 1.5 लाख करोड़ रुपये के बंदरगाह आधुनिकीकरण; 0.75 लाख करोड़ रुपये के पोर्ट एलईडी औद्योगिकीकरण; 0.70 लाख करोड़ रुपये का व्यापार और व्यवसाय; और 1.6 लाख करोड़ रुपये ज्ञान का आदान-प्रदान और नवाचार, जहाज की मरम्मत आदि हैं।
बैठक की शुरूआत वधावन बंदरगाह, ट्यूना टेकरा में मल्टी कार्गो बर्थ, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रूज़ टर्मिनल और वीओसीपीए में आउटर हार्बर के विकास सहित प्रमुख बंदरगाह परियोजनाओं पर चर्चा के साथ हुई। श्री सोनोवाल ने बंदरगाहों से शीर्ष 25 विश्व बंदरगाह रैंकिंग में स्थान सुरक्षित करने के लिए अधिकतम प्रयास करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित वार्षिक “वैश्विक रैंकिंग” में स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। मंत्रालय के तहत सभी बंदरगाहों और एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय और प्रासंगिक मंचों पर अपनी “हरित पहल” का प्रदर्शन करने के लिए निर्देश दिया गया था। वित्त वर्ष-2022-23 में प्रमुख बंदरगाहों पर कुल 177 परियोजनाएं पूरी की गईं, जबकि वर्तमान में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 162 परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
वर्तमान में, 5.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक की 800 से अधिक परियोजनाओं की सागरमाला कार्यक्रम के तहत निगरानी की जा रही है जिन्हें 2035 तक पूरा किया जाना है। इनमें से, 1.22 लाख करोड़ रुपये की 237 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, 2.44 लाख करोड़ रुपये की 262 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं और 2.08 लाख करोड़ रुपये की 310 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, तटीय जिलों के समग्र विकास के तहत, लगभग 58,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली कुल 567 परियोजनाओं की पहचान की गई है। सागरमाला कार्यक्रम के तहत, 31,597 करोड़ रुपये की 94 परियोजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है जिसके परिणामस्वरूप 230 एमटीपीए से अधिक की क्षमता वृद्धि हुई है।
पिछले 9 वर्षों में नाविकों की संख्या में 140% की वृद्धि हुई है। 2014 में, सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी जो 2023 में 280,000 हो गई। शिपिंग महानिदेशालय में 2014 में 1,699 महिला नाविक पंजीकृत थीं जो अब 2023 में बढ़कर 10,440 हो गई हैं जो पंजीकृत भारतीय महिला नाविकों में 514% की वृद्धि दर्शाती है।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में 1,799 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली तीसरी ड्राई डॉक परियोजना दोहरे उद्देश्यों यानी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत को पूरा करेंगी। एक बार पूरी होने के बाद यह परियोजना कैपसाइज और स्वेज मैक्स जहाजों, 174के एलएनजीसी, ऑयल रिग्स एंव सेमी सब और बड़े विमान वाहक को संभालने में सक्षम होगी। 970 करोड़ रुपये की लागत से एक अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (आईएसआरएफ) का भी निर्माण हो रहा है। सीएसएल घरेलू प्रौद्योगिकी के साथ “शून्य उत्सर्जन, शून्य शोर पोत” भी बना रहा है।
भारत और श्रीलंका के बीच लोगों को संपर्क साधने की दृष्टि से 14 अक्टूबर को भारत के नागपट्टिन से श्रीलंका के कांकेसंथुराई तक एक अंतरराष्ट्रीय नौका सेवा को हरी झंडी दिखाई गई। इस अंतरराष्ट्रीय नौका सेवा के लिए शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा एक जहाज को लगाया गया था। एचएससी चेरियापानी ने 14, 16, 18 और 20 अक्टूबर 2023 को नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच 4 दौर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की और इस तरह दोनों देशों के यात्रियों की जरूरतों को पूरा किया।
जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) को 1500-2000 टन के जहाजों की आवाजाही को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग- I (गंगा नदी) की क्षमता वृद्धि के लिए विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से 4,633.81 करोड़ रुपये की संशोधित लागत पर कार्यान्वित किया जा रहा है। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आईडब्ल्यूटी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, सरकार एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र) के व्यापक विकास सहित 1010 करोड़ रुपये की कुल लागत पर परियोजनाओं को मंजूरी दी हैं। मल्टी-मॉडल टर्मिनल पांडु की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एलिवेटेड रोड के निर्माण और केवल अंतर्देशीय जहाज मरम्मत सुविधा के निर्माण की परियोजनाएं भी स्वीकृत हैं और उन पर काम चल रहा है। सरकार ने 267 करोड़ रुपये की लागत से 16 और एनडब्ल्यू के विकास को मंजूरी दी है जिन्हें 2022-23 से 2025-26 की अवधि तक पूरा किया जाना है। हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विद्युत चालित प्रौद्योगिकी जहाजों और हाइड्रोजन चालित कैटामरैन पैक्स का भी प्रस्ताव रखा गया है।
लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डीजीएलएल ने 75 लाइटहाउस निर्धारित किए हैं जिनमें पर्यटन सुविधाएं दिसंबर 2023 तक पूरी होने वाली हैं। इन 75 लाइटहाउसों की कॉफी टेबल बुक को जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र लॉन्च करेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में, सरकार, उद्योग हितधारकों के मजबूत प्रयासों और अपने समुद्री समुदाय के अटूट समर्थन के कारण भारतीय समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव देखा गया है। एमओपीएसडब्ल्यू ने तकनीकी प्रगति को अपनाते हुए, बुनियादी ढांचे में सुधार करते हुए, दक्षता में वृद्धि करते हुए और अनुकूल माहौल को बढ़ावा देते हुए प्रगति की यात्रा शुरू की है। श्री सोनोवाल के नेतृत्व में आयोजित आज की समीक्षा बैठक में मंत्रालय और उनकी सहायक कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन का रोडमैप पेश किया गया।