प्रधानमंत्री नवंबर 5 को केदारनाथ जाएंगे और श्री आदि शंकराचार्य की समाधि का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को उत्तराखंड के केदारनाथ की यात्रा पर जाएंगे। वह केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन और श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 2013 की बाढ़ में हुए विनाश के बाद समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा, वह सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस तथा मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। परियोजनाओं का 130 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री 180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे, जिनमें संगम घाट का पुनर्विकास, प्राथमिक चिकित्सा और पर्यटक सुविधा केंद्र, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल, दो गेस्ट हाउस, पुलिस स्टेशन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, मंदाकिनी आस्थापथ कतार प्रबंधन तथा वर्षा आश्रय स्थल और सरस्वती नागरिक सुविधा भवन शामिल हैं। प्रधानमंत्री सरस्वती आस्थापथ पर चल रहे कार्यों की समीक्षा और निरीक्षण भी करेंगे।
2013 में केदारनाथ में आयी प्राकृतिक आपदा के बाद, 2014 में इसका पुनर्निर्माण शुरू किया गया था। केदारनाथ में संपूर्ण पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत मार्गदर्शन में किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की प्रगति की लगातार समीक्षा एवं निगरानी की है और उन्होंने पुनर्विकास कार्य के लिए दूरगामी सुझाव दिए।
इस अवसर पर चार धाम (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम) सहित देशभर के ज्योतिर्लिंगों और ज्योतिषपीठों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में सुबह की पारंपरिक आरती के बाद वैदिक मंत्रोच्चार शामिल होगा। संस्कृति मंत्रालय ज्योतिर्लिंगों/ज्योतिषपीठों के परिसरों या आसपास के स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। कार्यक्रमों में स्थानीय भाषा या संस्कृत में कीर्तन/भजन/शिव स्तुति शामिल होगी, जिसके बाद शिव तांडव या अर्धनारीश्वर रूप पर आधारित शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन होगा। वीणा, वायलिन, बांसुरी के साथ शास्त्रीय वाद्य प्रदर्शन भी होगा।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी केरल में आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान कलाडी में शंकराचार्य मंदिर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। मंदिर स्थल के पास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में संगीत विभाग, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कलाडी द्वारा आदि शंकराचार्य की रचना का पाठ और नृत्य विभाग, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कलाडी द्वारा आदि शंकराचार्य की रचना पर शास्त्रीय नृत्य (भरतनाट्यम और मोहिनीअट्टम) का प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत ‘केदारनाथ के एकीकृत विकास’ के अंतर्गत कई परियोजनाओं के कार्य पूरे किए हैं। एकीकृत परियोजना के तहत, कई परियोजना कार्य जैसे किफायती स्वच्छ खाद्य सामग्री दुकान, शौचालय खंड, इको-लॉग इंटरप्रिटेशन सेंटर, सूचना संकेतक बोर्ड, रुद्रप्रयाग में स्नान घाट; तिलवाड़ा में पार्किंग, बैठने की व्यवस्था, सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट, शौचालय खंड, दिशासूचक बोर्ड; अगस्तमुनि में बैठने की व्यवस्था, तीन विश्राम गृह, दो व्यू प्वाइंट (दर्शक दीर्घा), सुरक्षा दीवारें, शौचालय खंड, पार्किंग; ऊखीमठ में इको लॉग हट्स, इंटरप्रिटेशन सेंटर, प्रसाद की दुकानें, बहुस्तरीय पार्किंग; गुप्तकाशी में सौर एलईडी स्ट्रीट लाइट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन; कालीमठ में फूड कियोस्क, रिटेनिंग वॉल; सीतापुर में बैठने की व्यवस्था, पर्यटक सूचना केंद्र, सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट का काम पूरा कर लिया गया है। परियोजना के तहत सीसीटीवी, निगरानी, वाई-फाई स्थापना सहित सात स्थानों पर आईईसी का काम भी पूरा कर लिया गया है। परियोजना के सभी स्वीकृत कार्य जून 2021 में सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। केदारनाथ परियोजना के एकीकृत विकास के लिए स्वीकृत परियोजना की लागत 34.78 करोड़ रुपये है।
परियोजना की पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
भक्तों के बीच केदारनाथ एक आकर्षक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। ध्यान गुफा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एकांत में 17 घंटे बिताए थे, भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। सरकार ने इस प्राचीन गुफा को भैरवनाथ मंदिर के सामने पुनर्निर्माण परियोजना के तहत ध्यान के लिए तैयार किया है। प्रधानमंत्री के ध्यान सत्र के बाद यह गुफा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई।
स्थानीय प्रशासन केदारनाथ धाम में तीन और गुफाएं विकसित कर रहा है। केदारनाथ के पास करीब 12,500 फुट की ऊंचाई पर इन तीनों गुफाओं का निर्माण किया जा रहा है ताकि भक्त एकांत में और शांति से ध्यान कर सकें।