भारत की सीमाओं को मजबूत करने के लिए बॉर्डर इलाकों के लोगो को ट्रेनिंग देगी भारतीय सेना, जाने पूरी खबर
भारत में सीमावर्ती इलाकों में रहने वाली आबादी सुरक्षा बलों के आंख-कान की तरह काम करती है। अब भारतीय सेना खुफिया सूचनाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के साथ साथ ह्यूमन इंटेलिजेंस का भी सुरक्षा के लिए बेहतर इस्तेमाल करने के मकसद से सीमावर्ती इलाकों के चुनिंदा लोगो को विशेष रूप से ट्रेनिंग देगी। अवैध घुसपैठ, मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और दुश्मन ड्रोन का इस्तेमाल आदि जैसी चुनौतियों से लड़ने के लिए खुफिया जानकारी में इन्हें मदद करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार इस मामले पर बड़े स्तर पर विचार विमर्श हुआ है कि सीमावर्ती इलाको में रहने वाले लोग हमारी संपत्ति की तरह हैं। इन लोगो का सुरक्षा प्रणाली में काफी अहम योगदान है। इसलिए इन्हें बेहतर संसाधन और ट्रेनिंग देकर अपनी सीमा सूचना प्रणाली को ज्यादा मजबूत बनाया जा सकता है। चीन के अलावा पाकिस्तान सीमा पर भी रह रहे लोगो को खास प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ने की मंशा है। ऐसे लोगों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा कि सीमावर्ती इलाको में रहने वाले लोग इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों से पूरी तरह वाकिफ होते हैं। वे यहां की हर परिस्थिति के लिहाज से ही बने होते हैं। खुफिया जानकारी पास करने में ये सीमा सुरक्षा बलों और पुलिस की मदद कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सीमा-प्रहरी सीएपीएफ (Central Armed Police Forces) लगातार सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों के साथ प्रशिक्षण और संपर्क कार्यक्रम चलाएगी। गौरतलब है कि सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी काम तेजी से चल रहा है।