भूलकर भी ना पहने ये रत्न एक साथ, जीवन भर रहेगा कंगाली
प्राचीन शास्त्रो के अनुसार सभी रत्नों में केवल नौ रत्न ऐसे है जिन्हें नवरत्न की संज्ञा दी गयी है, जैसे :- माणिक, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद, लहसुनिया इन नवरत्नों के अलावा जितने भी रत्न है उन्हें उपरत्न माना गया हैं। रत्नों का इंसान के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। रत्नों का अपना ही संसार है, कुछ रत्न ऐसे हैं जो ग्रह दोष खत्म करते हैं और कुछ रत्नों को पहनने से भाग्योदय हो जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं जहां एक तरफ रत्न धारण करने से आपके जीवन में कई बदलाव आते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे रत्न भी है जिनको एक साथ धारण करना ठीक नहीं होता। यदि आपने ऐसा किया तो आपके जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। आइए जानते हैं कौन से है वो रत्न जो एक साथ धारण करने से आती हैं परेशानियां-
नीलम शनि का रत्न है । यदि आप शनि दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीलम धारण करना चाहिए। लेकिन यदि आपने नीलम धरण किया है तो उसके साथ मूंगा, मोती, पुखराज और माणिक्य एक साथ पहनने की भूल न करें। ये सभी रत्न एक साथ पहनने से ग्रहों का बुरा प्रभाव पड़ता है जो आपके जीवन में मानसिक परेशानियां उत्पन्न करता है।
पुखराज के साथ मूंगा, पन्ना और मोती धारण नहीं करना चाहिए। दरअसल बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए पन्ना धारण किया जाता है। पन्ना बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को खत्म करता है। मूंगा मंगल के लिए पहना जाता है। इसके अलावा मोती चंद्रमा के लिए धारण किया जाता है। वहीं बृहस्पति के लिए पुखराज धारण किया जाता है। इसलिए ये सभी रत्न अलग अलग ग्रहों को प्रभावित करते हैं और एक साथ धारण करने से ये क्लेश उत्पन्न करते हैं।
यदि आपने लहसुनियां धारण किया है तो इसके साथ मूंगा, पुखराज और मोती धारण न करें। लहसुनिया दानव ग्रह केतू का प्रतिनिधित्व करता है। लहसुनिया धारण करने से राहू, केतू, शनि तीनों ग्रहों की दशाओं में यह रत्न प्रभावी है। अन्य रत्न के स्वामी ग्रह इनके शत्रु ग्रह माने जाते हैं जो आपको आपके जीवन में बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है।
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