राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, औषधालयों और स्वास्थ्य तकनीक संगठनों द्वारा डिजिटल स्वास्थ्य को अपनाने में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अपनी प्रोत्साहन योजना का विस्तार किया
डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआईएस) जो आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत 4 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है, उसको 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अपनी डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना डीएचआईएस) को 31 दिसंबर 2023 तक विस्तारित किये जाने की घोषणा की है। डीएचआईएस के माध्यम से एबीडीएम के अंतर्गत परिवर्तनकारी डिजिटलीकरण को अपनाने और कार्यान्वित करने के लिए अस्पतालों एवं नैदानिक प्रयोगशालाओं व अस्पताल/स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) तथा प्रयोगशाला प्रबंधन सूचना प्रणाली (एलएमआईएस) जैसे डिजिटल स्वास्थ्य समाधान प्रदाताओं को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के हिस्से के रूप में 1 जनवरी, 2023 से शुरू किया गया था। यह योजना देश भर में स्वास्थ्य सेवा वितरण में डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों एवं कार्य प्रणालियों को अपनाने में बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हुई है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और स्वास्थ्य तकनीकी कंपनियों के प्रभाव तथा प्रतिक्रिया के कारण, अधिक हितधारकों को वित्तीय प्रोत्साहन से लाभान्वित करने के महत्वपूर्ण विचार को मूर्त रूप देने के साथ ही इस योजना का विस्तार किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस प्रोत्साहन योजना के विस्तार के पीछे के उद्देश्य के बारे पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एबीडीएम के तहत इस प्रोत्साहन योजना का विस्तार डिजिटल रूप से समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और पूरे देश में सुलभ एवं कुशल स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि डीएचआईएस जैसी पहल के साथ हम डिजिटल रूप से सशक्त स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम के निर्माण में सहयोग देने और सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं सहयोगियों को पहचानने तथा प्रोत्साहित करने की योजना बना रहे हैं।
डीएचआईएस के तहत, पात्र स्वास्थ्य सुविधा प्रदाता कंपनियां एवं डिजिटल समाधान संगठन मरीजों द्वारा बनाए गए तथा एबीएचए (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) संख्या से जुड़े डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड की संख्या के आधार पर 4 करोड़ रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन अर्जित करने में सक्षम होंगे। इस प्रोत्साहन सुविधा का लाभ एबीडीएम की स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण (एचएफआर) के साथ पंजीकृत और योजना के तहत निर्दिष्ट पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (अस्पतालों, नैदानिक प्रयोगशालाओं) तथा डिजिटल समाधान संगठनों द्वारा उठाया जा सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि डीएससी को दिए जाने वाले डीएचआईएस लाभ मूल्य में कमी लाने में योगदान देंगे या उनकी डिजिटलीकरण लागत आदि का भुगतान करने के लिए प्रासंगिक स्वास्थ्य सुविधाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
अब तक, 567 सार्वजनिक एवं 638 निजी अस्पतालों/क्लिनिकों/नैदानिक प्रयोगशालाओं के साथ 1205 स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, पंजीकृत 25 डिजिटल समाधान संगठनों में से 22 निजी क्षेत्र से हैं। जून 2023 तक, करीब 120 स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं और 7 स्वास्थ्य तकनीकी कंपनियों को कुल 4.84 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला है। प्रोत्साहन प्राप्तकर्ताओं में एम्स दिल्ली, एम्स रायपुर, एम्स भोपाल, लखनऊ के लोक बंधु राजनारायण कम्बाइन्ड हॉस्पिटल और केसी जनरल अस्पताल बेंगलुरु जैसे सरकारी अस्पताल तथा केजीएमयू, लखनऊ व केआईएमएस हुबली बेंगलुरु जैसे निजी अस्पताल शामिल हैं। इंदिरा पैथ लैब्स दिल्ली एवं लखनऊ, सहयोग पैथोलॉजी लेबोरेटरी पुणे और लियो क्लिनिकल लैब कन्नूर जैसी डायग्नोस्टिक लैब तथा एनआईसी (नेक्स्टजेन एचएमआईएस), सीडीएसी (ईसुश्रुत), ड्रिफ़केस, एकाकेयर (ओरबी हेल्थ), बजाज फिनसर्व व पेटीएम जैसी डिजिटल समाधान कंपनियां डीएचआईएस के तहत शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं में शामिल हैं।