लोकसभा में कब होगा शादी के लिए लड़कियों की उम्र बढ़ाने वाला विधेयक पेश, केंद्र सरकार ने दी जानकारी
शुक्रवार को सरकार ने राज्यसभा में यह घोषणा की कि लड़कियों के विवाह करने की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 वर्ष करने के संबंधी विधेयक को अगले हफ्ते लोकसभा में पेश करने के बाद अगर पारित किया जाता है तो उच्च सदन में उस विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखा जाएगा। उच्च सदन में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने अगले हफ्ते राज्यसभा में होने वाले सरकारी कामकाज की जानकारी देते हुए इस बात की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी थी
वी मुरलीधरन ने कहा कि बाल विवाह रोकथाम संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने और पारित करने के बाद इस विधेयक को उच्च सदन में चर्चा और पारित करने के लिए रखा जाएगा। इससे पहले बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम 2006 में संशोधन को मंजूरी दी थी। इस संशोधन के तहत लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रावधान है।
क्या है मौजूदा कानूनी प्रावधान
मौजूदा कानूनी प्रावधान के तहत लड़कों के विवाह लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष की उम्र निर्धारित है। मुरलीधरन ने उच्च सदन में कहा कि अगले हफ्ते उच्च सदन में स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ संशोधन विधेयक सहित विभिन्न विधेयकों पर चर्चा करने के बाद पारित करने और अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा करने के बाद लोकसभा को वापस करने का प्रस्ताव है। उल्लेखनीय है कि संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम है और अब कुल चार बैठक होनी बाकि हैं।