वाणिज्य सचिव ने निर्यात में विविधता लाने के लिए अभिनव दृष्टिकोण अपनाने की पैरवी की, भारत और लैटिन अमेरिकी व कैरेबियाई देशों के बीच अधिक सहभागिता का आह्वाहन किया
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित ‘9वें सीआईआई इंडिया-एलएसी संगोष्ठी’ के समापन समारोह के दौरान भारत और लैटिन अमेरिकी व कैरेबियाई (एलएसी)देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित किया।
उन्होंने आपसी व्यापार, विशेष रूप से पुनः वैश्वीकृत दुनिया व बदलते ऊर्जा परिदृश्य के संबंध में विविधता लाने के लिए नवोन्मेषी दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने जी20 की भूमिका, विशेष रूप से भारत की अध्यक्षता के तहत साल 2024 में ब्राजील की जी20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक दक्षिण (अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई देश व एशिया) की चिंताओं को दूर करने और एलएसी क्षेत्र के साथ गहरे संबंध को रेखांकित किया।
श्री बर्थवाल ने ऊर्जा रूपांतरण लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत-एलएसी सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने नेट जीरो (ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए उत्पादित उत्सर्जन और वायुमंडल से हटाए गए उत्सर्जन की मात्रा के बीच संतुलन) उद्देश्य के साथ जुड़ने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी निर्माण, ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी और रासायनिक उद्योग में नए दृष्टिकोण का आह्वान किया।
श्री बर्थवाल ने अपने संबोधन में एक सहयोगी ढांचे का प्रस्ताव दिया। साथ ही, उन्होंने एक संयुक्त आर्थिक व व्यापार सहयोग मॉडल का सुझाव देने के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दों को संबोधित करने में एकीकृत प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल की उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “विश्वास, भारतीय और लैटिन अमेरिकी व कैरेबियाई देशों के बीच सहयोग और सहभागिता का आधार है।”
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और वेनेजुएला के अर्थव्यवस्था, वित्त व व्यापार की कार्यकारी उपाध्यक्ष और मंत्री श्रीमती डेल्सी एलोइना रोड्रिग्ज गोमेज ने ‘9वें सीआईआई इंडिया-एलएसी संगोष्ठी’ के समापन समारोह की गरिमा बढ़ाईं।