हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद का 2023 संस्करण (आईपीआरडी-2023)
हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद का समापन दिवस (आईपीआरडी-2023)
तीन-दिवसीय हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023 (आईपीआरडी-2023) आज नई दिल्ली में संपन्न हुआ। 15 से 17 नवंबर 2023 के दौरान आयोजित भारतीय नौसेना की इस वार्षिक शीर्ष-स्तरीय क्षेत्रीय रणनीतिक संवाद में भारत और विदेश के वैश्विक स्तर के प्रसिद्ध विशेषज्ञ, भारतीय सशस्त्र बलों एवं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विद्वान तथा आम लोग शामिल हुए। इस संवाद में “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भूराजनैतिक प्रभाव” के व्यापक विषय के अंतर्गत कई उप-विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
इस सम्मेलन के अंतिम दिन में दो पेशेवर सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और नौवहन की सुरक्षा में निजी उद्योग” विषय पर केंद्रित था और इसमें समुद्री क्षेत्र में नौवहन, रक्षा उद्योग और अंतरिक्ष-आधारित निगरानी के विशिष्ट क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के दृष्टिकोण को सामने रखा गया। नौसेना स्टाफ के पूर्व प्रमुख, एडमिरल सुनील लांबा (सेवानिवृत्त) द्वारा संचालित इस सत्र में ‘मोज़ाम्बिक चैनल और उसके आसपास नई अपतटीय गैस खोज की ऊर्जा संबंधी संभावनाएं और समुद्री-सुरक्षा के निहितार्थ’ पर एक प्रस्तुति भी शामिल थी।
माननीया विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री का विशेष संबोधन
“नियम-आधारित, सुरक्षित और संरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखना” विषय पर आयोजित दिन के दूसरे पेशेवर सत्र में विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी का विशेष संबोधन हुआ। अपने भाषण में, माननीया मंत्री ने इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बात की और एक समृद्ध समुद्री विरासत से लैस एक प्राचीन सभ्यता के रूप में समुद्र के साथ भारत के अटूट संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने भारतीयों की समुद्री क्षमता को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो विभिन्न कारणों से पिछली कुछ शताब्दियों में क्षीण हो गई थी। उपस्थित सभी लोगों को सहयोग के साधनों एवं तरीकों के बारे में विचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने समुद्र से संबंधित कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन 1982 (यूएनसीएलओएस 1982) का उदाहरण दिया जब विभिन्न राष्ट्र अपने लिए नियम बनाने के लिए एक साथ आए थे। उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि सभी राष्ट्र उन नियमों का पालन करें जो आम सहमति से बनाए गए हैं। केन्द्रीय मंत्री ने उत्तर-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने और ग्लोबल साउथ की हिमायत पर भारत के ध्यान का भी उल्लेख किया, जैसा कि इस साल जनवरी में जी20 की भारत की अध्यक्षता के तत्वावधान में आयोजित वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में दिखाई दिया था। अपने संबोधन के समापन के बाद, माननीया मंत्री ने राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित ‘समुद्री परिप्रेक्ष्य 2023: एक टिकाऊ समुद्री पर्यावरण के लिए दृष्टिकोण: चुनौतियां और समाधान’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
आगे की चर्चाओं में, जिसका संचलन वाईस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया, भारत, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने “नियम-आधारित, सुरक्षित और संरक्षित हिंद- प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखना” विषय के तहत समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की। यह विशिष्ट विचार-विमर्श इंडो-पैसिफिक में एक क्षेत्रीय एमडीए नेटवर्क के संचालन; समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था में व्यवधानों को दूर करने के लिए सहकारी क्षेत्रीय समाधान; हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री कानून के प्रसार को बढ़ावा देने; संपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अंडरवाटर डोमेन पर जागरूकता बढ़ाना; और, लघुपक्षीय निर्माणों की बहुपक्षीय भागीदारी के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सहमति नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के निर्माण पर केन्द्रित था।
दिन का अंत भारत में इटली के राजदूत महामहिम श्री विन्सेन्ज़ो डी लुका के समापन भाषण और आईपीआरडी-2023 का समापन भारतीय नौसेना के नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख वाईस एडमिरल तरुण सोबती के समापन भाषण के साथ हुआ। वाईस एडमिरल सोबती ने ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर की समग्र समुद्री सुरक्षा हेतु जलवायु परिवर्तन के खतरों का समाधान’ शीर्षक एक संगोष्ठी रिपोर्ट भी जारी की।
आईपीआरडी -2023 का आयोजन भारतीय नौसेना के ज्ञान भागीदार के रूप में नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (एनएमएफ), नई दिल्ली द्वारा किया गया था। इस तीन-दिवसीय सम्मेलन के दौरान, एनएमएफ ने हिंद- प्रशांत क्षेत्र में चार प्रमुख थिंक-टैंकों अर्थात्: नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एंगेजमेंट (एनआईआईसीई), नेपाल; ग्लोबल सेंटर फॉर पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी (ग्लोसेप्स), केन्या; वियतनाम की डिप्लोमैटिक अकादमी (डीएवी), वियतनाम; और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), नई दिल्ली के साथ सहयोग के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
Professional Session six on day three of #IPRD2023 focused on 'Maintaining a Rules-based, Safe and Secure Indo-Pacific.'
The session saw a Special Address by Smt Meenakshi Lekhi (Hon'ble Minister of State, Ministry of External Affairs, Govt. of India. https://t.co/FaKdhhnlTk pic.twitter.com/SLuZqLy9xF
— National Maritime Foundation (@nmfindia) November 17, 2023