गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के उल्लंघन पर 1,032 प्रेशर कुकर, 936 हेलमेट जब्त किए
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भारतीय मानक ब्यूरो ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के उल्लंघन पर 1,032 दबाव कुकर और 9 36 हेलमेट जब्त किए हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ताओं को घरेलू सामान खरीदने के खिलाफ सतर्क करने के लिए एक सुरक्षा नोटिस जारी किया है, जो वैध आईएसआई चिह्न् नहीं रखते हैं और केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य उपयोग के लिए निर्देशित मानकों का उल्लंघन करते हैं।
सीसीपीए ने अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकने और एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने, बढ़ावा देने तथा लागू करने के मामले में बिक्री या वस्तुओं की बिक्री की पेशकश से जुड़े मामलों को लेने का निर्णय किया है जो अनिवार्य मानकों का उल्लंघन करते हैं। इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति अनिवार्य मानकों के अनुरूप और बीआईएस द्वारा निर्धारित वैध लाइसेंस धारण किए बिना उपरोक्त तालिका में उल्लिखित घरेलू सामान बेचता पाया गया तो वह उपभोक्ता अधिकारों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन के लिए उत्तरदायी होगा और उसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने भी ई-कॉमर्स संस्थाओं और विक्रेताओं के विरूद्ध स्वयं प्रेरित कार्रवाई की है, जो ऑनलाइन अनिवार्य मानकों के उल्लंघन में प्रेशर कुकर बेचते पाए गए थे। इस तरह के उल्लंघन के संबंध में 15 नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन मामलों को बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए बीआईएस को भी अग्रसारित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 17 किसी भी व्यक्ति को केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित मानक चिह्न के अनिवार्य उपयोग की दिशा के उल्लंघन में किसी भी ऐसे सामान या वस्तु के विनिर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराया, पट्टा, भंडारण या ऐसी वस्तुओं या सामानों की बिक्री के लिए प्रदर्शित करने पर प्रतिबंधित करती है।
इसके अतिरिक्त, धारा 29(3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो धारा 17 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक अवधि के लिए कारावास का दंड दिया जा सकता है जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड लगाया जा सकता है, जो पहले उल्लंघन के लिए दो लाख रुपये से कम नहीं होगा तथा दूसरे और बाद के उल्लंघनों के लिए पांच लाख रुपये से कम नहीं होगा, लेकिन उत्पादित या बेचे जाने वाले या बेचे जाने की पेशकश की गई वस्तुओं या वस्तुओं के मूल्य के दस गुना तक हो सकता है या हॉलमार्क सहित एक मानक चिह्न या दोनों के साथ संयोजित या लागू किया जा सकता है। धारा 29(4) उप-धारा (3) के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध के रूप में पूर्वनिर्दिष्ट किया गया है।