वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 15 वीं किस्त जारी की गई
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को आज 6,000 करोड़ रुपये की 15वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है। इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की राशि 3 विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी) के लिए जारी की गई है। ये राज्य वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद के सदस्य हैं। शेष 5 राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व का अंतर नहीं है।
अब तक, कुल अनुमानित जीएसटी क्षतिपूर्ति का 81 प्रतिशत राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया गया है। इसमें से 82,132.76 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी की गई है और विधान सभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 7,867.24 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
भारत सरकार ने अक्टूबर, 2020 में जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए एक विशेष उधार खिड़की की स्थापना की थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये भारत सरकार द्वारा इस खिड़की के माध्यम से ऋण प्रदान किया जा रहा है। 23 अक्टूबर, 2020 से शुरू होकर अब तक 15 दौर की उधारी प्रदान करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को प्रदान किए गए ऐसे धन की 15 वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.5288 प्रतिशत की ब्याज दर पर उधारी प्रदान की गई है। अब तक, केंद्र सरकार द्वारा विशेष उधार खिड़की के माध्यम से 4.7921% की औसत ब्याज दर पर 90,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।
जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार लेने वाली खिड़की के माध्यम से धन प्रदान करने के अलावा, भारत सरकार ने राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी है जो विकल्प-I चुन रहे हैं। यह उधारी जीएसटी क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिये और अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों को जुटाने में मदद करने के लिए है। सभी राज्यों ने विकल्प-I के लिए अपनी प्राथमिकता दी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को कुल 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत सहित) उधार लेने की अनुमति दी गई है।
28 राज्यों को दी गई अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति की राशि और विशेष खिड़की के माध्यम से अब तक जुटाई गई धनराशि और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जारी की गई राशि के बारे में विवरण एक सूची में दिया गया है।
जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत की राज्यवार अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई और विशेष खिड़की के माध्यम से जुटाई गई धनराशि की राशि राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में दिनांक 01.02.2021 तक वितरित कर दी गई है
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