भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास के पहले  तथा भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती अभियान के 36वें संस्करण का आयोजन

भारतीय नौसेना (आईएन) और रॉयल थाई नौसेना (आरटीएन) के बीच पहला द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 20 से 23 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया गया था।

इस अभ्यास के प्रारंभिक संस्करण में भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित पोत कुलिश और आईएन एलसीयू 56 ने भाग लिया। वहीं रॉयल थाई नौसेना की तरफ से हिज़ थाई मेजेस्टी शिप (एचटीएमएस) प्रचुअप खीरी खान ने हिस्सा लिया। इस पहले द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास के साथ ही भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती अभियान (इंडो-थाई कॉर्पेट) का 36वां संस्करण भी आयोजित किया गया था। दोनों देशों की नौसेनाओं के समुद्री गश्ती विमानों ने अभ्यास के समुद्री चरण में भाग लिया।

भारतीय नौसेना तथा रॉयल थाई नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास की शुरुआत के साथ ही दोनों नौसेनाओं ने परिचालन तालमेल का विस्तार करने व अभ्यास के विन्यास को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने की दिशा में एक और कदम उठाया है। अभ्यास के पहले संस्करण के दौरान, दोनों देशों नौसेनाओं से भाग लेने वाली इकाइयों ने हथियारों से फायरिंग, सीमैनशिप इवोल्यूशन एवं सामरिक युद्धाभ्यास सहित सरफेस और एंटी-एयर अभ्यास में अपने हाथ आजमाए।

भारत सरकार के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना ने घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखा है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में और भी वृद्धि देखी गई है। भारत-थाईलैंड गश्ती अभियान के साथ ही भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच पहले द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास का आयोजन दोनों समुद्री पड़ोसियों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण है। इसने भारत और थाईलैंड को दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाने में सक्षम बनाया है।

भारत और थाईलैंड के बीच पहले द्विपक्षीय अभ्यास को ‘अभ्यास-अयुत्थाया’ नाम दिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘अजेय’ या ‘अपराजेय’ और यह ऐतिहासिक विरासत, समृद्ध सांस्कृतिक संबंध तथा कई शताब्दियों से चली आ रही साझा ऐतिहासिक कथाओं को साझा करने वाले दो सबसे पुराने शहरों भारत के अयोध्या एवं थाईलैंड के ऐतिहासिक नगर अयुत्थाया के महत्व का प्रतीक है।