कांग्रेस की हार की समीक्षा करेगा 5 सदस्यीय समिति, आज़ाद बने कोरोना टास्क फोर्स के अध्यक्ष
कांग्रेस पार्टी की चुनाव दर चुनाव में जिस तरह से हार होती जा रही है, वो पार्टी के नेताओं के लिए एक चिंता का विषय है। हाल ही में खत्म हुए पाँच राज्यों की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा। बंगाल में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई, असम और केरला में कांग्रेस की सत्ता वापसी की उम्मीदों पर पानी फिर गया वहीं पुडुचेरी में कांग्रेस बुरी तरह हारी, जहाँ कुछ ही दिनों पहले तक कांग्रेस सत्ता में काबिज थी। कांग्रेस के लिए अच्छी खबर सिर्फ तमिलनाडु से आई जहाँ उसके सहयोगी दल द्रमुक ने चुनाव जीत कर सत्ता में वापसी कर ली।
इसी को देखते हुए और चुनावी हार के व्यापक विश्लेषण और समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और ठाकरे सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण की अगुआई में गठित इस समिति में नाराज चल रहे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को भी शामिल किया गया है। हार की समीक्षा के लिए समिति बनाने में तत्परता दिखाते हुए कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी में जारी उथल-पुथल को थामते हुए अपना घर दुरुस्त करने पर गंभीर होने का संदेश देने की कोशिश की है। हार पर गठित इस समूह को दो हफ्ते में अपनी समीक्षा रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपने के लिए कहा गया है।
कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को हुई बैठक के 24 घंटे बाद ही इस समिति का गठन कर हाईकमान ने यह भी जताने का प्रयास किया है कि पार्टी की लगातार बढ़ती चुनौतियों का रास्ता निकालने के लिए नेतृत्व त्वरित कदम उठाने को तैयार है। अशोक चव्हाण को हार की समीक्षा के लिए गठित समूह की कमान सौंपना वैसे इस लिहाज से दिलचस्प है कि वह दिल्ली की सियासत में कम ही सक्रिय रहे हैं और उनका फोकस महाराष्ट्र की राजनीति पर ही रहा है। इस समिति में चव्हाण और मनीष तिवारी के अलावा कांग्रेस नेतृत्व के प्रति निष्ठावान पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को भी रखा गया है।