संयुक्त किसान मोर्चा आज देशभर में ‘काला दिवस’ मनाने का किया ऐलान, दिल्ली पुलिस हुई सतर्क
किसानों का केंद्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानून के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन का आज छह महीने पूरे हो रहे हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने इन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज देशभर में काला दिवस मनाने का आह्वान कोरोना महामारी के दौरान ही कर दिया है। किसानों ने सभी देशवासियों से समर्थन भी मांगा है। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की है कि सभी लोग अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाएं और मोदी सरकार के पुतले भी जलाए। किसानों के इस आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस भी सतर्क हो गई है।
Punjab: People put up black flags at their houses and on their tractors in Chabba village of Amritsar, as the farmers protesting against the Farm Laws, observe 'Black Day' today. pic.twitter.com/19rtAL3nyb
— ANI (@ANI) May 26, 2021
We're also carrying the tricolour. It has been 6 months now, but Govt is not listening to us. So farmers are putting up black flags. It'll be done peacefully. We're following COVID protocols. Nobody is coming here. People are putting up flags wherever they are: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/2x3Yb7gJ4a
— ANI (@ANI) May 26, 2021
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा, “हमने किसानों से अपील की है कि जिस तरह कोरोना में दुर्दशा हुई और लोगों की जान गई है, इसलिए कोई कार्यक्रम करने या भीड़ जुटने के कारण वो स्थिति फिर से पैदा न हो।प्रदर्शन करने या लोगों को इकट्ठा करने की इजाजत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी काम करेगा या कोरोना नियमों को तोड़ने का प्रयास करेगा तो हम उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे। सीमाओं पर, यानी धरनास्थलों पर सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, हमने एहतियातन सुरक्षा और बढ़ाई है।”
उधर, कांग्रेस समेत देश के 14 प्रमुख विपक्षी दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्वान किए गए देशव्यापी प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। समर्थन दिए पार्टियों में कांग्रेस के अतिरिक्त जेडीएस, एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना, डीएमके, झामुमो, जेकेपीए, सपा, बीएसपी, आरजेडी, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी शामिल है। साथ ही केंद्र सरकार को किसानों से वार्ता करने की मांग की है। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 21 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, जिसमें तीन कृषि कानूनों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 26 नवंबर से दिल्ली की तीन सीमाओं पर आंदोलन कर रहे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ कई दौर की बैठक की लेकिन सब बेनतीजा रहा। केंद्र सरकार ने 11वे दौर की बातचीत में कानूनों को स्थगित करके आगे की चर्चा के लिए कमिटी बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। लेकिन कानून रद्द करने की मांग पर अड़े किसान नेताओं ने सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया। सरकार और किसान नेताओं के बीच आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी। इसके बाद 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाला था। इस प्रदर्शन में काफी बवाल भी हुआ था। कुछ अराजक तत्वों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी। लालकिला पर हिंसा तक हुई, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही है।
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