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आज लगने वाले चंद्र ग्रहण को क्यों कहा जा रहा सूपर ब्लड मून?

26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल और सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आएगा। एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक एवं प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने बताया कि कोलकाता में आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण 10 साल पहले, 10 दिसंबर 2011 को दिखा था।

क्या होता है सूपर ब्लड मून?

चाँद हमारे यानी पृथ्वी के सबसे क़रीब आएगा
चाँद पृथ्वी की छाया में चला जाएगा
14 फ़ीसदी चाँद होगा ज्यादा चमकीला
चाँद सबसे क़रीब यानी पेरिगी
चाँद सबसे क़रीब यानी पेरिगी, सबसे दूर यानी अपोगी

धरती से इतना दूर दिखेगा सूपर मून

धरती से चाँद की दूरी 3 लाख 80 हजार है, लेकिन आज धरती से सूपर मून की दूरी 3 लाख 57 हजार किलोमीटर होगी

चाँद के लाल दिखने का कारण

चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज की लाल किरणें ही ज्यादा मात्रा में चाँद से टकराकर वापस पृथ्वी पहुँच जाती है। यहीं कारण है कि चाँद लाल दिखने लगता है। और दूसरी वजह यह भी है कि पृथ्वी पर जितने ज्यादा बादल या धूल रहेगा, चाँद उतना ही ज्यादा लाल दिखेगा।

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