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प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर किसानों ने मनाया काला दिवस, केंद्र सरकार के विरोध में पुतला भी जलाया

कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर आज देशभर में किसान ‘काला दिवस’ मना रहे हैं। किसानों ने वाहनों पर काला झंडा लगाया और किसानों ने बॉर्डर पर विरोध में सरकार के पुतले भी जलाए। गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं उन्होंने आज बॉर्डर पर किसानों को इकट्ठा करके पुतला जलाया। वहीं हाथों में काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। इसके अलावा सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी किसान एकत्रित हुए हैं।

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 6 महीने पूरे हो गए और केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा हो गए हैं इसलिए सयुंक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का भी फैसला किया।

इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने के लिए बॉर्डर पर बैठे किसान नेता लगातार देशभर के पदाधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से करने के लिए लगातार अपील भी की जा रही है। बॉर्डर पर कोरोना नियम का पालन हो इस बात पर भी किसान ध्यान रखते नजर आए।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे।आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक किसान इसी तरह दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे।”

दरअसल, पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

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