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केंद्रीय आवास मंत्री ने कहा- तेज भूकंप आए तो ये भवन सेस्मिक जोन 4 में है, इसलिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ज़रूरी

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी रखने पर दिल्ली हाईकोर्ट की मुहर लगने के बाद सत्तापक्ष ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया है। केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग बनाने के पीछे तर्क रखा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक OSD थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए।

वहीं आगे कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरुरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।

मालूम हो कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार कोविड के दौरान लोगों का ध्यान नहीं रख रही, बल्कि नई बिल्डिंग बनाने पर मोटी राशि खर्च कर रही है।

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