बिहार में कोरोना के आंकड़ों में आई अचानक वृद्धि पर विपक्ष ने नीतीश कुमार को घेरा
बिहार में जानलेवा कोरोना वायरस से हो रही मौतों को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिहार में कोरोना के गलत आंकड़े दर्ज करने का मामला सामने आया है। इस मामले के खुलासे के बाद विपक्ष नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करने लगा हैं। खबर है कि बिहार में कोरोना से मौत का आंकड़ा सात जून तक मौत का कुल आंकड़ा 5424 फीसदी से 9375 हो गया है।
इन आंकड़ों में अचानक 3951 की वृद्धि हुई है। जिस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
वहीं इस सवाल पर स्वास्थ्य विभाग का कहा कि कई लोगों की मौत आइसोलेशन में, कुछ की अस्पताल में तो कुछ लोगों की मौत कोरोना से ठीक होने के बाद हुई है। इन आंकड़ों में जांच होने के बाद ऐसे कई मामलों को जोड़ा गया है। इस वजह से आंकड़ों में बढ़ोतरी दिख रही है।
सत्यापन के बाद इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा पटना से 1070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं। इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 को जोडी गई। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं।
दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब
ताजा आंकड़ों के अनुसार बिहार में करीब 8,000 से अधिक लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हुई है। वहीं इन आंकड़ों में अप्रैल से मरने वालों की संख्या में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है। बिहार में कोरोना से प्रदेश की राजधानी पटना में कुल 2303 मौतें हुईं हैं जबकि मुजफ्फरपुर जिला 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है।
उधर, पटना हाई कोर्ट ने पिछले महीने सरकार को निर्देश दिया था कि कोरोना से मौत के आंकड़ों की सही गिनती किया जाय। इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी, इसके बाद से ही आंकड़ों में बदलाव देखा जा रहा है।