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सिब्बल के बयान पर जितिन प्रसाद का पलटवार, कहा शिवसेना से गठबंधन करना कौन सी कांग्रेस की विचारधारा है

कांग्रेस के पूर्व नेता और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने कपिल सिब्बल द्वारा उनके (जितिन प्रसाद) बीजेपी में जाने को लेकर कहे ‘प्रसाद की राजनीति’ वाले बयान पर पलटवार किया है। जितिन प्रसाद ने कहा है कि जब महाराष्ट्र में कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन किया था, तब पार्टी की क्या विचारधारा थी?

जितिन प्रसाद ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘’कपिल सिब्बल बहुत वरिष्ठ नेता हैं। कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं है। जब कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन किया था तो क्या विचारधारा थी? जब कांग्रेस ने बंगाल में वामपंथियों के साथ गठबंधन किया तो क्या विचारधारा थी? जबकि केरल में वह वामपंथियों के साथ लड़ रहे थे।’’

वहीं, जितिन ने पार्टी छोड़ने की पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि मेरा कांग्रेस छोड़ने के पीछे पार्टी और लोगों के बीच टूटता संपर्क है। और फिलहाल इसको दूर करने को लेकर कोई योजना भी नहीं दिख रही है। जिससे यूपी में वोट प्रतिशत भी कम होता दिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने कांग्रेस किसी व्यक्ति के चलते या किसी पद के लिए नहीं छोड़ी है।

प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस में रहते हुए वह अपने लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी में रहकर इसे हासिल करेंगे।” उन्होंने बीजेपी को देश में एकमात्र संस्थागत राष्ट्रीय पार्टी बताते हुए कहा कि मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं, उनके लिए काम करना चाहता हूं और बीजेपी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मैं ऐसा कर पाऊंगा।

दरअसल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने को लेकर जितिन प्रसाद ने एक ट्वीट कर सवाल किया था, “क्या जितिन प्रसाद को बीजेपी से ‘प्रसाद’ मिलेगा? उन्होंने कहा कि पत्र लिखने वाले नेताओं ने जो मुद्दे उठाए थे, अगर उन पर नेतृत्व की प्रतिक्रिया से अप्रसन्न होकर जितिन प्रसाद पार्टी से अलग होते तो यह उनका निजी मामला था, लेकिन वह बीजेपी में क्यों गए?” सिब्बल ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा, ‘’जब तक हम कांग्रेस में हैं और कांग्रेस की विचारधारा को अपनाए हुए हैं, तब तक हम 22 नेता और कई दूसरे भी कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे।”

सिब्बल ने खुद को कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर कहा कि अगर जीवन के किसी मोड़ उन्हें पूरी तरह अनुपयोगी भी कांग्रेस मान लेती है, तो वह पार्टी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन कभी बीजेपी में नहीं जाएंगे क्योंकि ऐसा उनकी लाश पर ही हो सकता है।

बता दें कि जितिन प्रसाद भी सिब्बल के साथ पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग करने वाले उन जी 23 नेताओं के समूह का हिस्सा थे।