OIC के बयान की भारत ने की कड़ी निंदा, पाकिस्तान को भी दिया मुंहतोड़ जवाब
भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर को लेकर बयान के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। कई देशों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति प्रकट की, पैगंबर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ओपरेशन (OIC) के बयान की भारत ने कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में ओआईसी के सचिवालय के बयानों पर दो टूक कहा कि उसका एजेंडा विभाजनकारी है।
इस विवाद में कतार, कुवैत व ईरान के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब भी कूद गया है। भारत ने पाकिस्तान के बयान को बेतुका बताते हुए उसे अपने घर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की नसीहत दी है।
आपको बता दें अरब के कई देशों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति प्रकट की और भारतीय राजदूतों को तलब कर नाराजगी प्रकट की। हालांकि, भाजपा ने सभी धर्मों के सम्मान की बात कहते हुए नुपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
OIC के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस संगठन द्वारा भारत को लेकर दिए गए बयान देखे हैं। सरकार OIC सचिवालय के गलत और संकीर्ण बयानों को खारिज करती है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। कुछ लोगों ने एक धार्मिक व्यक्तित्व को अपमानित करते हुए आपत्तिजनक ट्वीट और बयान दिए थे। ये विवादित बयान भारत सरकार की राय से संबद्ध नहीं हैं। आरोपियों के खिलाफ संबंधित संगठन ने कड़ी कार्रवाई की है ।
OIC सचिवालय ने ट्विटर पर कई ट्वीट कर नुपुर शर्मा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। ओआईसी के महासचिव ने भारत के सत्तारूढ़ दल के एक व्यक्ति द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना की है। भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। ओआईसी ने शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन और मुस्लिमों के संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिमों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं।
बता दें पाकिस्तान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान के बयानों और टिप्पणियों को देखा है। अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सिलसिलेवार ढंग से हनन करने वालों की बेतुकी बातों का किसी पर असर नहीं पड़ता। उसे किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर टिप्पणी का हक नहीं है। पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अहमदियों व अन्य अल्पसंख्यकों के संस्थागत उत्पीड़न की दुनिया गवाह रही है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। इसके उलट पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की तारीफ कर उनके स्मारक बनाए जाते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान से आह्वान करते हैं कि वह खतरनाक प्रचार करने और भारत में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे।