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क्या बिहार में जदयू भाजपा सरकार गिर जाएगी? जदयू ने विधायकों को पटना में रहने का दिया निर्देश

बिहार में बड़ा सियासी उठापटक की आशंका जताई जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री का जदयू से इस्तीफ़ा फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का प्रेस वार्ता और अब जदयू के सभी विधायकों और सांसदों को पटना में मौजूद रहने के आदेश के बाद बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ गया है। साफ साफ कुछ नहीं कहा जा सकता है कि आखिर अचानक जदयू ने यह निर्णय क्यों लिया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जदयू कुछ बड़ा कदम उठा सकती है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह माना जा रहा है कि बिहार में सरकार पर संकट मंडरा रहा है। हालांकि, भाजपा के नेताओं के द्वारा गठबंधन पर आँच के बात को नकार दिया है।

जदयू के पूर्व प्रवक्ता का नीतीश पर बड़ा हमला

जदयू के पूर्व प्रवक्ता और आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले डॉ अजय आलोक ने दनादन ट्वीट करके नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नीति आयोग के बैठक में शामिल ना होने पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री की नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएँगे क्योंकि कोरोना से निकले हैं “नाश कुमार “ लेकिन समारोह में जाएँगे , सांसदो की बैठक करेंगे -अरे खुल के गाइए लालू जी के शब्दों में – पलटने का मौसम आ गया – बिहार की सत्ता में बने रहना इनका 1-1 दिन बिहार को 1-1 साल पीछे ले जा रहा हैं।” अजय आलोक ने नीतीश कुमार को “नाश कुमार” कह कर संबोधित करते हुए कहा है कि “पिछले 12 साल से PM बनने की आशा में बिहार का सत्यानाश करने वाले ये महान व्यक्ति नीतीश कुमार नहीं बल्कि “ नाश कुमार “ हैं । कबीरदास ने तो अपनी डाल काटी थी ये आदमी अपनी छाया को काटने चला हैं । सोचिए आप लोग ?? आपका क्या होगा ?”

जदयू डूबता नहीं दौड़ता हुआ जहाज है

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी के बातों पर पलटवार करते हुए कहा कि आर.सी.पी. सिंह कहते हैं कि जदयू डुबता हुआ जहाज है लेकिन हम उनको बता देना चाहते हैं कि जदयू डुबता हुआ जहाज नहीं बल्कि दौड़ता हुआ जहाज है। लेकिन ये बात है कि कुछ लोग उस जहाज में छेद करना चाहते हैं। साथ ही ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी पार्टी नीतिश कुमार जी की आभारी है कि उन्होंने ऐसे लोगों को पहचान लिया। हमने पहले भी कहा है कि नीतिश कुमार जी की संख्या जो 43 पर आ गई वो जनाधार की वजह से नहीं बल्कि उनके खिलाफ हुई षडयंत्र की वजह से हुई लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। साथ ही ललन सिंह ने केंद्रीय सरकार में जदयू के तरफ से कोई मंत्री नहीं बनने की बात कही है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रची जा रही है और वक़्त आने पर उन्हें जवाब दिया जाएगा।

आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर कसा था तंज

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा अवैध संपति पर सफाई माँगने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था कि नीतीश कुमार सात जन्मों में प्रधानमंत्री भी नहीं बनेंगे, इस जीवन में अकेले रहने दें। इसके साथ ही उन्होंने अवैध संपति पर कहा कि बच्चों को इसमें क्यों घसीटें? क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है? 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं। वे स्वतंत्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार की जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। अगर आपको मुझसे नाराजगी है तो मुझसे निपटें।

क्या टूट जाएगी भाजपा जदयू गठबंधन सरकार?

जदयू और भाजपा में पर्दे के पीछे मनभेद समय समय पर सामने आता रहा है। लेकिन दोनों दलों के नेताओं के द्वारा मनभेद के विषय को नकारते रहे हैं। पिछले दिनों पटना में सयुंक्त भाजपा मोर्चा कार्यकारिणी बैठक का भव्य आयोजन किया गया। उस मौके पर गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं कि थी। जानकारों का मानना है कि भाजपा के द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया गया था। वहीं रविवार को दिल्ली में आयोजित नीति आयोग के बैठक में भी नीतीश कुमार के ना पहुँचना, उनके नाराजगी की वजह बताई जा रही है। अब ललन सिंह के एक बयान से और इस सरकार के भविष्य को लेकर आंशका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई नीतीश कुमार के खिलाफ “चिराग 2.0” करने की कोशिस कर रही थी। साथ ही उन्होंने कहा कि समय आने पर इसका जवाब दिया जाएगा। बता दें, जदयू ने अपने सभी विधायकों और सांसदों को पटना में रहने का निर्देश दिया है। साथ राजद के विधायकों को भी पटना में रहने का निर्देश दिया है। जदयू और राजद के इस एलान के बाद राजनीतिक पंडितों के द्वारा यह आशंका जताई जा रही है कि मौजूदा सरकार का भविष्य अंधकार में लग रहा है।