मशहूर लेखक सलमान रुश्दी की हालत गंभीर, कंगना रनौत, शशि थरूर ने कही ये बात!
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया। इस दौरान रुश्दी की गर्दन से काफी खून निकला। रुश्दी पर उस समय हमला किया गया, जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले थे। फिलहाल, अस्पताल में रुश्दी की सर्जरी की जा चुकी है और उनको वेंटिलेटर पर रखा गया है। वहीं हमलावर की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मतार के तौर पर हुई है।
जावेद अख्तर ने की सख्त कार्रवाई की मांग
गीतकार जावेद अख्तर ने भी सलमान रुश्दी पर हुए हमले की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मैं कुछ कट्टरपंथियों द्वारा सलमान रुश्दी पर किए गए बर्बर हमले की निंदा करता हूं। मुझे उम्मीद है कि न्यूयॉर्क पुलिस और अदालत हमलावर (एसआईसी) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”
I condemn the barbaric attack on Salman Rushdie by some fanatic . I hope that NY police and the court will take the strongest action possible against the attacker .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 12, 2022
कंगना रणौत ने हमले की निंदा की
फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत ने बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी पर हमले की निंदा की है। अभिनेत्री ने पोस्ट शेयर कर लिखा, “एक और दिन, जिहादियों द्वारा किया गया एक और भयावह कृत्य। ‘द सैटेनिक वर्सेज’ अपने समय की सबसे महान पुस्तकों में से एक थी। मेरे पास शब्द नहीं हैं, मैं हिल गई हूं..भयावह ..।”
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी किया ट्वीट
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, इस घटना ने मुझे स्तब्ध कर दिया है। मैं उनके पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हालांकि, भारी मन के साथ कहा रहा हूं कि उनके लिए जीवन फिर कभी पहले जैसा नहीं हो सकता हैं।
Utterly horrified & shocked by the stabbing of @SalmanRushdie. Wish him a speedy & complete recovery from his wounds, even though, with a sinking heart, I recognize that life for him can never be the same again. A sad day, worse if creative expression can no longer be free &open.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 13, 2022
मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान हमला का कारण उनकी किताब सैटेनिक वर्सेज से जुड़ा है। रुश्दी का यह उपन्यास 1988 में प्रकाशित हुआ था। इसी के साथ ही यह धर्म विशेष द्वारा की गई आलोचना का शिकार हुआ। 1989 में ही रुश्दी के खिलाफ़ फतवा जारी कर दिया गया। दरअसल, यह उपन्यास जादुई यथार्थवाद को समेटे पैगंबर के जीवन से प्रेरित माना जाता है। इसमें जिस तरह के पात्रों और कल्पनाओं का उपयोग हुआ है, उसे ईशनिंदा मान कर कई जगह उसकी प्रतियां जला दी गईं। पाकिस्तान में इसका पुरजोर विरोध हुआ। बाद में भारत द्वारा इसे बैन करने पर सलमान रुश्दी के प्रतिक्रिया दी कि किताब इस्लाम के बारे में न होकर प्रेम, मृत्यु, प्रवास आदि के बारे में है।