नए मतदाता नियम को लेकर गुपकार गठबंधन ने किया बैठक, भाजपा ने भी किया बड़ा बैठक
जम्मू कश्मीर में नए मतदान सूची के लिए जारी दिशा निर्देश पर गुपकार गठबंधन के सभी दलों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। सोमवार को सुबह 11 बजे पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के आवास पर सभी गुपकार गठबंधन के दलों ने बैठक की है। इस बैठक में इसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, हसनैन मसूदी, नरिंदर सिंह खालसा, मुजफ्फर शाह शामिल हुए। उधर जम्मू में भाजपा पदाधिकारी, पूर्व मंत्रियों ने भी बैठक की है।
जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए वोटिंग अधिकार के विरोध में गुपकार गठबंधन के सभी दलों में बैठक की है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए वोटिंग अधिकार देने के फैसले के विरुद्ध विरोध करने का रोडमैप बनाया गया। इस दौरान जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा, “हम सभी पार्टियां इस नए कानून के खिलाफ हैं, हम इसका विरोध करते हैं। हम इस पर अदालत जाने के बारे में भी सोच रहे हैं।”
Srinagar | We all parties are against this new law (voting rights for non-locals in J&K), we oppose it. We are also thinking about going to court on this: National Conference leader & former J&K CM, Farooq Abdullah pic.twitter.com/f8llEx9wQe
— ANI (@ANI) August 22, 2022
वहीं भाजपा ने भी अपने पदाधिकारियों और पूर्व मंत्रीयों के साथ बैठक की है। जम्मू कश्मीर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि “यहां बीजेपी पार्टी की बैठक हो रही है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी नेता जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, वह बहुत बड़ी साजिश है। कांग्रेस, पीडीपी और नेकां के लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब हो।” प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने यह बात कश्मीर में गुपकार गठबंधन पर कहा है।
Amid row over "Registration of New Voters in J&K" BJP President Ravinder Raina had called a meeting of top BJP leaders today at 11am at Party Hq in Trikuta Nagar, Jammu
— ANI (@ANI) August 22, 2022
बता दें, पिछले दिनों मुख्य चुनाव पदाधिकारी के द्वारा जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए वोटिंग अधिकार देने की घोषणा की गई थी। इस नए नियम के तहत किसी भी अन्य प्रदेश के छात्र, मजदूर या सेना के जवान, जो जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं, वो अब जम्मू कश्मीर में अपना मत का प्रयोग कर सकते हैं। गौरतलब है कि, बांकी राज्यो में यह नियम पहले से है। इस नए नियम के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा था कि केंद्र सरकार कश्मीर के लोगों की पहचान खत्म कर सकते हैं।