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बिहार में महागठबंधन का बहुमत साबित, विश्वास मत जीती नीतीश सरकार

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। नवगठित महागठबंधन सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए आज विधानसभा की बैठक में नीतीश सरकार के पक्ष में 160 सदस्यों ने वोट किया। वहीं, विपक्षी सदस्यों के सदन से वॉकआउट के कारण सरकार के विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़े।

नीतीश सरकार को जेडीयू, आरजेडी , कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), भाकपा, माकपा, भाकपा-माले और एक निर्दलीय समेत 164 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन, बीमार होने के कारण जेडीयू के विजेंद्र प्रसाद यादव और बीमा भारती तथा अन्य वजह से भाकपा के सूर्यकांत पासवान और हम के प्रफुल्ल मांझी आज सदन में उपस्थित नहीं हो सके। ऐसे में नीतीश सरकार के पक्ष में 160 सदस्यों ने विश्वास जताया, जिसमें एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान भी शामिल हैं। सदन का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने किया, इसलिए वह मतदान में शामिल नहीं हुए। 

इससे पहले सदन में अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाने को लेकर कहा कि वहां मेरा सम्मान नहीं था। विधानसभा में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी जैसे नेताओं ने मुझे सम्मान दिया था। मैंने भाजपा से ताल्लुक 2013 में तब खत्म किया, जब इन नेताओं को किनारे लगाया जाने लगा था। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी सीधे निशाना साधा। नीतीश कुमार ने कहा कि आज दिल्ली में लोग प्रचार-प्रसार में ही व्यस्त हैं। उन्होंने इस दौरान 2024 का प्लान भी पेश किया और कहा कि एकजुट विपक्ष ही पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देगा।