चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने से लेकर दिया अहम आदेश
चुनावों में पारदर्शिता के लिहाज चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने को लेकर भले ही देश भर में स्वैच्छिक मुहिम छेड़ रखी है, लेकिन कई राज्यों में इसे अनिवार्य बताते हुए मतदाताओं पर आधार से जोड़ने को लेकर दबाव बनाने की शिकायतें भी मिल रही है। फिलहाल आयोग ने ऐसी शिकायतों के सामने आने के बाद एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इसकी जांच करें। साथ ही स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। ऐसे में इसे लेकर किसी पर दबाव न बनाया जाए।
चुनाव आयोग ने वीडियो जारी कर किया सतर्क
चुनाव आयोग को यह शिकायतें पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्मों से जरिए मिल रही थी। इस बीच आयोग ने मंगलवार को इसे लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें यह स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना स्वैच्छिक है। आधार से इसे लिंक न कराने पर किसी भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से नहीं हटेगा। ऐसे में यदि कोई भ्रम फैलाने की कोशिश करें तो उसे लेकर सतर्क रहें।
वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने के लिये फॉर्म 6बी भरें। इसे लिंक करना स्वैच्छिक है। लॉगिन करें https://t.co/Y7f9inn8ka पर या डाउनलोड करें वोटर हेल्पलाइन ऐप। #ECI#ElectionCommissionOfIndia#AadhaarVoterLink pic.twitter.com/TUfe54j4mJ
— Election Commission of India (@ECISVEEP) September 6, 2022
आयोग ने जारी किया दिशा-निर्देश
आयोग ने इससे पहले मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने को लेकर जारी दिशा-निर्देश भी सोशल मीडिया पर साझा किया था। जिसमें मतदाता पहचान पत्र को आधार से कैसे लिंक किया जाना है इसकी पूरी जानकारी दी गई है। साथ ही इसे लेकर बूथ लेवल आफिसर को प्रशिक्षण देने की भी बात कही थी।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग देश भर में मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने को लेकर इन दिनों तेजी से अभियान छेड़ रखा है। इसके लिए जगह-जगह कैंप आयोजित किए जा रहे है। आयोग की कोशिश है कि इस अभियान को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, ताकि 2024 के आम चुनाव तक साफ सुथरी मतदाता सूची आ सके। आयोग का मानना है कि मतदाता पहचान पत्र के आधार से लिंक हो जाने से इसमें दोहराव भी खत्म हो जाएगा।