NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
अरुणाचल में LAC के पास भारत की तैयारियां देख छूटेंगे चीन के पसीने; सड़कों, ब्रिजों और एम्यूनिशन डिपो के निर्माण में तेजी

भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सामरिक और संवेदनशील क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में अपने सैन्य बलों को प्रभावी तरीके से चाकचौबंद कर रही है। ताकि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीनी सेना से झड़प के बाद युद्ध की पूरी तैयारी रहे। इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए युद्धस्तर पर निर्माण कार्य भी चल रहा है।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सड़कों, ब्रिजों और एम्यूनिशन डिपो के निर्माण से लेकर निगरानी प्रबंधन को भी बेहतर बनाया जा रहा है। सेना के एलएसी के नजदीक स्थित आरएएलपी में सेना को तेजी से पहुंचाने के लिए भी आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।

दूसरी माउंटेन डिविजन में जनरल अफसर कमांडिंग और मेजर जनरल एमएस बैंस ने कहा कि क्षेत्र में सेना का फोकस पूरी तरह से उत्तरी सीमा और वहां लगभग सभी उग्रवाद निरोधक अभियानों को असम राइफल्स अंजाम दे रही है। उन्होंने बताया कि सड़कों, ब्रिजों, सुरंगों, हेलीपैड आदि समेत विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाई जा रही है। अन्य बुनियादी ढांचों के लिए कड़ी समय-सीमा निर्धारित की गई है। खासकर ऊपरी डिबांग घाटी क्षेत्र में सभी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त की जा रही हैं। सेना की क्षेत्र में युद्धक तैयारी बहुत ही उच्च स्तर की है।

एक अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि सामरिक और संवेदनशील इलाकों जैसे-किबिथू, वालोंग और हैयुलियांग में 4जी नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी चल रही है। चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर मोबाइल टावर लगा दिए हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से भारतीय फोन अपने आप ही चीनी नेटवर्क को पिकअप कर लेते हैं।

आरएएलपी क्षेत्र समेत विभिन्न स्थानों पर भारतीय सैन्य बलों को नए सिरे से दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 73 माउंटेन ब्रिगेड को छोड़कर सभी सैन्य इकाइयां एलएसी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए काम कर रही हैं। जबकि असम के डिब्रूगढ़ के पास लाइपुली स्थित मुख्यालय में स्थित 73 माउंटेन ब्रिगेड को राज्य के चार जिलों में उग्रवाद निरोधक अभियानों में लगाया गया है। इसलिए असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है।