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मदरसों को मिलने वाले पैसे की पड़ताल शुरू, फंडिंग के अलावा बहुत कुछ बताएगा सर्वे

उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की हो रही जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि उनकी आय का स्रोत क्या है? उन्हें कहां से फंडिंग हो रही है और यहां पढ़ाया क्या जा रहा है? सर्वे 11 बिंदुओं पर हो रहा है। 15 अक्तूबर तक जिला स्तर पर सर्वे पूरा कर 25 तक शासन को रिपोर्ट भेजनी है।

यूपी सरकार मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान देती है मगर कई ऐसे भी मदरसे हैं जिन्हें मान्यता नहीं है। 7442 मान्यता प्राप्त मदरसों में करीब 19 लाख छात्र पढ़ते हैं। औसतन एक मदरसे में करीब ढाई सौ बच्चे हैं। सरकार का मानना है कि अगर 20 हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी मान लिए जाएं तो प्रत्येक में बच्चों की संख्या 50 मानी जाए तो तकरीबन 10 लाख बच्चे वहां पढ़ रहे हैं।

इन सभी का कॅरिअर सुरक्षित होना चाहिए। उन्हें सभी विषयों की शिक्षा का पूरा अधिकार है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जरूरी है। वहां के बच्चों को भी शिक्षा की सही राह पर लाना है। वहां कहां से पैसा आ रहा है, बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा आदि के क्या इंतजाम हैं, सभी पर सर्वे होगा।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, ‘हम मुस्लिम बच्चों के विरोधी नहीं है। सरकार चाहती है कि वे दीनी तालीम तो लें हीं, साथ-साथ ऐसे विषय भी पढें जो उनका कॅरिअर संवार सकें। वे अधिकारी, चिकित्सक, इंजीनियर बन सकें, इस पर फोकस है।’