आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और ओडिशा शहरी अकादमी, की साझेदारी में अपनी एक महत्वपूर्ण योजना – अमृत के तहत “महिलाएं पानी के लिए, पानी महिलाओं के लिए” विषयक एक प्रमुख अभियान कल 7 नवंबर, 2023 को शुरू किया। यह अभियान 9 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगा।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और ओडिशा शहरी अकादमी, की साझेदारी में अपनी एक महत्वपूर्ण योजना – अमृत के तहत “महिलाएं पानी के लिए, पानी महिलाओं के लिए” विषयक एक प्रमुख अभियान कल 7 नवंबर, 2023 को शुरू किया। यह अभियान 9 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगा।
“महिलाएं पानी के लिए, पानी महिलाओं के लिए” अभियान का लक्ष्य जल प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक मंच प्रदान करना है। इसके तहत महिलाओं को अपने शहरों में जल उपचार संयंत्रों का दौरा करवाने के अलावा जल उपचार प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
“जल दिवाली” के हिस्से के रूप में शुरू इस अभियान के पहले दिन सभी राज्यों (चुनाव वाले राज्यों को छोड़कर) से 4,100 से अधिक महिलाओं ने इसमें पूरे उत्साह से भाग लिया। इन महिलाओं ने देश भर में स्थित 250 से अधिक जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) का दौरा किया और घरों तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने की जटिल प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। राज्य के अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की इन महिलाओं का फूलों और फील्ड विजिट किट भेंट कर स्वागत किया। इस किट में पानी की बोतलें/सिपर/ग्लास, पर्यावरण-अनुकूल बैग, बैज आदि शामिल थे।
पूरे दिन, महिलाओं ने पेयजल घरों तक पहुंचाने की प्रक्रिया के बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्हें पानी की गुणवत्ता के परीक्षण प्रोटोकॉल पर विशेषज्ञों से जानकारी मिली और इस तरह अपने समुदायों के लिए पानी की शुद्धता के उच्चतम मानक के बारे में उनकी समझ बढ़ी। महिलाओं में जल के बुनियादी ढांचे के प्रति स्वामित्व और जिम्मेदारी की गहरी भावना थी। अत: यह जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाने का अभियान का एक लक्ष्य हासिल कर लिया गया।
अभियान के पहले दिन महिलाओं को अमृत योजना और इसके व्यापक प्रभाव के बारे में जानकारी देने और इस बारे में शिक्षित करने के साथ-साथ जल उपचार संयंत्रों का व्यापक दौरा कराने, महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा तैयार स्मारिका और लेखों के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देने और महिलाओं को अपने घरों में पानी बचाने वाले नल लगाने के लिए प्रोत्साहित करने जैसे कार्य शामिल थे। अभियान में शामिल महिलाओें ने पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करने और उसका संरक्षण करने की भी प्रतिबद्धता जताई।
स्वयं सहायता समूहों और राज्य के अधिकारियों की मिलजुल कर की गई कोशिशों की वजह से अभियान का पहला दिन बेहद सफल रहा। यह अमृत 2.0 पहल के तहत महत्वपूर्ण जल बुनियादी ढांचे के संबंध में महिलाओं को समावेशी और सशक्त बनाने की दृष्टि से एक मुख्य सफलता है। अभियान के दूसरे और तीसरे दिन स्वयं सहायता समूहों की 10,000 से ज्यादा महिलाएं 400 से अधिक डब्ल्यूटीपी का दौरा करेंगी और “जल दिवाली” मनाएंगी। यह अभियान 9 नवंबर 2023 तक जारी रहेगा ।