हिजाब प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का विभाजित फैसला, अब मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया मामला
हिजाब प्रकरण में लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला विभाजित रूप में आया है। मतलब एक जज ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बरकार रखा है तो वही दूसरे जज ने उस फैसले को खारिज कर दिया है। बता दें, कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया गया था। अब इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। वहीं, जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तबतक कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा।
कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में विभाजित फैसला होने के कारण न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता का कहना है कि मामला उचित दिशा के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया है।#KarnatakaHijabRow pic.twitter.com/v04TpVtzTs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 13, 2022
जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने इस मामले की सुनवाई की है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है तो वही जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि यह पसंद की बात है, कुछ ज्यादा नहीं, कुछ कम नहीं। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब प्रकरण पर सुनवाई की जानकारी देते हुए वकील वरूण सिन्हा ने कहा, “अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है। अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है।” साथ ही इस मामले में याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान ने कहा, “आज का फैसला एक खंडित फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है।”
आज का फैसला एक खंडित फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है: याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान#KarnatakaHijabRow pic.twitter.com/PXxcwpcpC5
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब/बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट का आदेश अंतरिम समय में लागू रहता है; राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।” साथ ही मंत्री ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का समर्थन करने वाले संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा, “वे हमेशा इस समाज को बांटना चाहेंगे। वे समाज को विभाजित करने के लिए हिजाब का उपयोग कर रहे हैं।” हिजाब प्रतिबंध मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा विभाजित फैसले के बाद उडुपी में प्रशासन सक्रिय हो गई है। उडुपी के एसपी अक्षय हकय ने बताया, “एहतियाती उपाय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस की पिकेटिंग और निरंतर गश्त जारी रखना; यह सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखना कि समाज में मौजूदा शांति को नुकसान पहुंचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है।”
They will always want to split this society. They are using hijab to split the society: Karnataka minister BC Nagesh on being asked about organisations supporting wearing hijab in educational institutions pic.twitter.com/6DPbWGNASq
— ANI (@ANI) October 13, 2022
बता दें, कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 5 फरबरी को हिजाब पहनने पर रोक लगा दिया था। जिसके बाद खूब हंगामा देखने को मिला था। विवाद इतना बढ़ गया था कि कई दिनों तक विद्यालय को बंद कर दिया गया था। इस मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का हिस्सा नहीं माना था। हाई कोर्ट ने कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। इसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया गया था।