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मुजफ्फरनगर में CO रहे लखटकिया IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने किया सरेंडर, जानिए क्या है मामला?

मुजफ्फरनगर में बतौर सीओ रहे फरार आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने आखिरकार लंबी फरारी काटने के बाद लखनऊ कोर्ट में सरेंडर कर ही दिया। महोबा के व्यापारी  इंद्रकांत  त्रिपाठी की मौत के मामले में पुलिस को पाटीदार की पिछले करीब 2 साल से जोर-शोर से तलाश थी। यूपी पुलिस की तरफ से इस अपराधी अधिकारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

महोबा में खनन व्यापारी की मौत के मामले में फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल को सरेंडर करने के बाद 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है। आपको बता दें कि 2014 बैच के आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लगभग दो सालों से फरार चल रहे मणिलाल पाटीदार की बर्खास्तगी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को सिफारिश की थी। उनके महोबा एसपी रहने के दौरान खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने वसूली के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद उन्हें वसूली के लिए प्रताड़ित किए जाने के आरोप के चलते सस्पेंड भी किया गया था।

क्या था पूरा मामला?

8 सितंबर 2022 को महोबा के करवई थाना इलाके के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट डाली थी, जिसमें पाटीदार पर वसूली के लिए प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए गए थे। पोस्ट डालने के बाद तुरंत ही इंद्रकांत पर फायरिंग हो गई। इस फायरिंग में गोली लगने से घायल व्यापारी की इलाज के दौरान 13 सितंबर को मौत हो गई थी।

पीड़ितों ने दर्ज कराया था मुकदमा

व्यापारी की मौत के बाद परिजनों की तरफ से आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार पर इल्जाम लगाते हुए थाना कबरई में एफआईआर दर्ज कराई थी। मुकदमे में लिखा गया कि चंद्रकांत त्रिपाठी क्रेशर चलाते हैं और जून, 2020 से एसपी मणिलाल पाटीदार उनसे हर महीने 6 लाख रुपये की रिश्वत की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन रिश्वत देने से इनकार करने पर एसपी मणिलाल ने अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर चंद्रकांत त्रिपाठी को धमकियां देनी शुरू कर दी थीं।

मुजफ्फरनगर में चर्चित रहे थे पाटीदार

अपने करियर की शुरूआत में आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार मुजफ्फरनगर में अंडर ट्रेनिंग आए थे। उन्हें मुजफ्फरनगर में बतौर सीओ तैनात किया गया था। यहां पर सीओ रहते हुए भी वो अपने व्यवहार को लेकर काफी चर्चित रहे थे। पीड़ितों और आमजन के साथ भी उनका व्यवहार सही नहीं था। दुर्व्यवहार को लेकर अक्सर वो चर्चाओं में रहा करते थे।