ऋषि सुनक के बहाने महबूबा मुफ्ती ने उठाया CAA NRC का मुद्दा, गिरिराज ने किया पलटवार
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय मूल के ऋषि सुनक को चुना गया है। इसको लेकर जहाँ भारत में लोग खुशियां मना रहे हैं। तो वहीं अब इसपर भारत में राजनीतिक वार पलटवार शुरू हो गया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एक बयान के बाद भाजपा नेताओं ने मुफ़्ती पर जमकर निशाना साधा है। दरअसल, सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद महबूबा ने कहा की ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक को प्रधानमंत्री चुन लिया है लेकिन हम NRC और CAA जैसा कानूनों से बंधे हुए हैं। इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार करते हुए जमकर निशाना साधा है।
महबूबा मुफ्ती का मोदी सरकार पर निशाना
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को चुने जाने पर ट्वीट करके कहा, “गर्व का क्षण है कि यूके का पहला भारतीय मूल का पीएम होगा। जबकि पूरा भारत सही मायने में जश्न मनाता है, यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं।”
Proud moment that UK will have its first Indian origin PM. While all of India rightly celebrates, it would serve us well to remember that while UK has accepted an ethnic minority member as its PM, we are still shackled by divisive & discriminatory laws like NRC & CAA.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 24, 2022
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया पलटवार
महबूबा मुफ्ती के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने उनके ट्वीट को रिट्वीट करके लिखा, “भारत हमेशा से वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत का पालक रहा है। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग 5 बार सर्वोच्च पदों पर आसीन रहे हैं। अगर मुफ्ती जी ने अपने राज्य के सर्वोच्च पदों पर अल्पसंख्यकों को रखा होता तो आज कश्मीर कुछ और ही होता। वहां सामाजिक समरसता पूरी तरह से स्थापित रहता।”
भारत हमेशा से@वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत का पालक रहा है।
भारत में, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग 5 बार सर्वोच्च पदों पर आसीन रहे हैं।
अगर मुफ्ती जी ने अपने राज्य के सर्वोच्च पदों पर अल्पसंख्यकों को रखा होता तो आज कश्मीर कुछ और ही होता, वहां सामाजिक समरसता पूरी तरह से स्थापित रहता। https://t.co/8qgigWwtXV— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) October 25, 2022
रविशंकर प्रसाद के किया महबूबा मुफ्ती से सवाल!
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट करके महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा। महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे? कृपया उत्तर देने के लिए पर्याप्त स्पष्ट रहें।” साथ ही उन्होंने लिखा, “ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए। एपीजे अब्दुल कलाम की असाधारण अध्यक्षता, मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के लिए प्रधान मंत्री के रूप में उन्हें धीरे से याद दिलाना। एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं।”
Some leaders hv become hyper active against majoritarianism after election of Rishi Sunak as PM of UK. Gently reminding them about the extraordinary Presidency of APJ Abdul Kalam, Manmohan Singh as PM for 10years. A distinguished tribal leader Droupadi Murmu is now our President.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 25, 2022