प्रधानमंत्री मोदी ने मानगढ़ धाम को दिया राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा, कहा- भारत का इतिहास आदिवासी समुदाय के बिना अधुरा
राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित मानगढ़ धाम को अब राष्ट्रीय स्मारक के रुप में जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इसका एलान किया है. प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को बांसवाड़ा स्थित धाम पहुँचे, जहाँ उन्होंने 1913 में अंग्रेजों के विरुद्ध शहीद हुए आदिवासी क्रांतिकारीयों को पुष्पांजलि अर्पित किया है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, ये हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और देशभक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है। इस मौके पर मंच पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भुपेंन्द्र पटेल मौजूद थे.
बांसवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम मानगढ़ धाम की गौरव यात्रा में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/FbOljEbVt8
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मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी. दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था.” उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली. आज देश उस कमी को पूरा कर रहा है. भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है.”
17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी।दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था: मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/YhXHyXTaI1
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है. राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “देश में वन क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं, वन संपदा भी सुरक्षित की जा रही है, “आदिवासी क्षेत्र डिजीटल माध्यम से भी जुड़ रहे हैं, पारंपरिक कौशल के साथ-साथ आदिवासी युवाओं को आधुनिक शिक्षा के भी अवसर मिले, इसके लिए एकलव्य आदिवासी विद्यालय भी खोले जा रहे हैं.
देश में वन क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं, वन संपदा भी सुरक्षित की जा रही है,
साथ ही आदिवासी क्षेत्र #DigitalIndia से भी जुड़ रहे हैं,
पारंपरिक कौशल के साथ-साथ आदिवासी युवाओं को आधुनिक शिक्षा के भी अवसर मिले,
इसके लिए एकलव्य आदिवासी विद्यालय भी खोले जा रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा करते हुए कहा, “अशोक गहलोत जी और मैंने मुख्यमंत्री के रूप में साथ काम किया था. वह हमारे बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे, आज भी यहां मंच पर बैठे सभी मुख्यमंत्रियों में से अशोक जी सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री में से एक हैं.” वहीं अशोक गहलोत ने गौरव गाथा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है.
प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है: मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बांसवाड़ा pic.twitter.com/s1iNkBwPFC
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