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ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शक्ति प्रदर्शन, कहा- हिम्मत है तो गिरफ्तार करो

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के द्वारा समन भेजने के बाद राजनीति चरम पर है। कोयला खनन घोटाले मामले में बुधवार को ईडी के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ को लेकर नोटिस भेजा गया। इसके बाद जेएमएम, कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राँची के सड़को पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए कहा कि वो आदिवासी हैं, इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और ईडी को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो आओ गिरफ्तार करके दिखाओ। बता दें, माना जा रहा कि पद का दुरुपयोग करने को लेकर हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “वतर्मान की गठबंधन की सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र सरकार बनने के बाद से शुरू हुआ था। कई बार हमारे विरोधियों ने अपनी चाल को अंजाम देने का काम किया और हर बार उनको मुंह की खानी पड़ी है।” उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों ने हमेशा से यहां के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को बर्बाद करने का काम किया है। यह लोग कभी नहीं चाहते कि याहां के आदिवासी, दलित, पिछड़े कभी आगे बढ़े। इन लोगों को आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों से चिढ़ लगती है।”

हेमंत सोरेन ने कहा, “अगर हमने गुनाह किया तो सीधा गिरफ़्तार करो। इन्होंने ED, भाजपा के कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाई है। झारखंडियों से डर लगता है? अभी हमने कुछ किया भी नहीं, जब झारखंडी अपनी चीज़ों पर आ गए तो वह दिन दूर नहीं की आपको सीर छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी।” सोरेन ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमने अभी तक कुछ नहीं किया है। जब झारखंडी अपनी चीजो पर उतरेगा, तो वो दिन दूर नहीं जहां आप लोगों को यहां छिपने का मौका भी नहीं मिलेगा।”

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करके हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “झारखंड में भ्रष्टाचार की काठ से बनी सत्ता की नैया जांच एजेंसियों की लहरों के सामने हिचकोले खाकर बस डूबने ही वाली है। पतवार थामे इस सत्ता के मुखिया अब अंतिम दांव आजमाने की तैयारी में है।” उन्होंने आगे लिखा, “11 नवंबर को विधानसभा के विशेष सत्र से फिर एक बार जन भावनाओं को आगे कर सहानुभूति कार्ड खेलने की तैयारी कर रहे हैं। अब ये कुछ भी कर लें, अधोगति तय है। भ्रष्टाचार की शब्दावली भी अब झारखंड में लज्जित है। लूट खसोट के नित नए कीर्तिमान बनाने वाले सीएम साहब अब आपके अहंकार व आतंक का अंत अवश्यंभावी है, आप लाख हाथ पैर मार लें। याद रहे, अति सर्वत्र वर्जयेत।”