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भारत ने किया इंटरसेप्टर AD-1 का सफल परीक्षण, खासियत जानकर दुश्मन देशों की नींद उड़ जाएगी

रक्षा उपकरणों का निर्माण करने में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। DRDO ने मंगलवार को ओडिसा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स इंटरसेप्ट एडी-1 का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स सिस्टम टेक्नोलॉजी में एक अहम मुकाम हासिल कर लिया है। पाकिस्तान और चीन जैसे आक्रमक पड़ोसी को ध्यान में रखते हुए इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए सकारात्मक है।

DRDO प्रमुख डॉ समीर कामत ने दूसरे चरण के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण पर कहा, “हमने शुरुआत में 2000 किमी वर्ग की आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने के लिए बीएमडी चरण 1 क्षमता विकसित की थी। Y’day के परीक्षण ने अब हमें 5000 किमी वर्ग की किसी भी मिसाइल को रोकने में मदद की।” उन्होंने इस मिसाइल की मारक क्षमता की जानकारी देते हुए कहा, “अगर हमारे दुश्मन लंबी दूरी से निशाना साधते हैं, तो अब हमारे पास इंटरसेप्ट करने की क्षमता है। बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ हमारी क्षमता में यह एक महत्वपूर्ण छलांग है।”

DRDO के प्रमुख डॉ एस कामत ने कहा, “एक बार जब हमारे रडार इसे पकड़ लेंगे, तो यह इसे ट्रैक करने में सक्षम होगा, हमारी रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है और मिसाइल को इंटरसेप्ट किया जा सकता है। यह मुख्य रूप से एंडो-एटमॉस्फेरिक है, लेकिन यह कम एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र में भी काम करता है। हम समानांतर रूप से उच्च एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र के लिए विकास कर रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कहा, “2025 तक, हमें अपनी क्षमता साबित करने में सक्षम होना चाहिए, जिसमें इस AD-1 मिसाइल के साथ-साथ उच्च एक्सो-वायुमंडलीय मिसाइल भी शामिल है। हम 2025 तक इसे बनाने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं।”

बता दें, इंटरसेप्टर AD-1 लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है। इसे बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ एयरक्राफ्ट के लो एक्सो-एटमॉस्फेरिक और एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिसाइल की खासियत यह है कि इंटरसेप्टर AD-1 बैलेस्टिक मिसाइल और एयरक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में और उससे बाहर दोनों जगह डिटेक्ट करके नष्ट कर सकता है।