बढ़ते प्रदूषण के कारण गर्भवती महिला और बच्चे पर पड़ेगा असर, AIIMS के पूर्व निदेशक ने प्रदूषण पर जताई चिंता
दिल्ली के कई हिस्सों में वातावरण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। लगातार प्रदूषण में वृद्धि देखने को मिल रही है। शुक्रवार को भी दिल्ली एनसीआर में आसमानों में धुंध छाए रहे। बच्चों और बुजुर्गों को इससे खासा परेशानी हो रही है। डॉक्टर्स भी हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को बाहर जाने से मना किया है। बता दें, दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सभी प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया है। वहीं आधे सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम नीति लागू कर दिया है।
दिल्ली AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा, “बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। AIIMS में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है।”
प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। AIIMS में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है: AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया, दिल्ली pic.twitter.com/bvDsZFvyiu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2022
बता दें, दिल्ली के कई क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में AQI 563 (गंभीर) श्रेणी में है, एयरपोर्ट (T3) क्षेत्र में AQI 489 (गंभीर) श्रेणी में, गुरुग्राम में AQI 539(गंभीर) श्रेणी में और नोएडा में AQI 562 (गंभीर) श्रेणी में है। हालांकि इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गया है। भाजपा, मुख्यमंत्री केजरीवाल को बढ़ते प्रदूषण के लिए अपराधी बताया है।