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आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए।

राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रथम सत्र को शाह ने संबोधित किया।

इस दौरान शाह ने कहा कि आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है और यह सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व तथा ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं, वे साइबर अपराध के उपकरणों का इस्तेमाल कर और अपनी पहचान छिपाकर कट्टरपंथ की सामग्री फैला रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग भी बढ़ रहा है और साइबर अपराध के उपकरणों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों के तौर-तरीकों को भी समझना होगा तथा उसके उपाय ढूंढ़ने होंगे।

शाह ने कहा, ‘‘निस्संदेह, आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है। लेकिन मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस तरह के वित्तपोषण से आतंकवाद के ‘साधन और तरीके’ पोषित होते हैं। इसके अलावा, आतंकवाद का वित्तपोषण दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए।’’

शाह ने कहा कि आतंकवाद का “डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘‘एके-47 से वर्चुअल एसेट्स’’ तक का परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है।