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शास्त्र के अनुसार इन गुणों वाली महिलाओं को माना गया है लक्ष्मी का स्वरुप, जरूर जानें

हिंदू धर्म में देवियों का एक अलग महत्व होता है। मां दुर्गा, मां काली, मां लक्ष्मी इन रूपों में देवियों को पूजा जाता है। मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है इनको पूजने से घर में संपन्नता बनी रहती है। वैसे अगर किसी के घर में बेटी पैदा होती है तो ऐसा कहते हैं कि घर में लक्ष्मी आई है। वैसे शास्त्रों के अनुसार स्त्रियों के कुछ ऐसे लक्षण बताए गए हैं जो मां लक्ष्मी के गुण माने जाते हैं।

शास्त्र के अनुसार घर की स्त्री और नई बहु को गृहलक्ष्मी कहा जाता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार जिस महिला का मन सुन्दर होता है और जो किसी भी इंसान का बुरा नहीं चाहती तथा सभी को सम्मान देती हों और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती हों वह माँ लक्ष्मी का ही स्वरुप और सौभाग्यवती कहलाती हैं। साथ ही इसके अलावा जो भी महिलाएं हमेशा मीठा बोलती हों और कभी भी और किसी के साथ ऊंची आवाज में बात ना करती हों और क्रोध ना करती हों उन्हें भी मां लक्ष्मी का ही स्वरुप मानते हैं।

शास्त्रों के अनुसार दान पुण्य करने वाली महिलाएं भी मां लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती है। आस्तिक सेवा भाव करने वाली और अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से करने वाली महिलाएं भी सौभाग्यवती कहलाती है। जो महिलाएं अपने घर आए अतिथियों का स्वागत सत्कार करती हैं वह महिलाएं भी सौभाग्यवती कहलाती है। जिस महिला के किचन से सारे लोगों को एक समान खाना परोसा जाता है और कोई भी भूखा नहीं रहता उस महिला को भी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

अन्न को भी देवता समान माना गया है, ऐसे में जो स्त्रियां किचन में नहा कर प्रवेश करती हैं उन्हें भी लक्ष्मी का रूप माना गया है। जो स्त्री पैसे को सोच समझकर सही जगह पर खर्च करती है उन्हें भी लक्ष्मी स्वरूप माना गया है। इसके साथ ही जो भी महिलाएं अपने पति के धर्म का पालन करती हैं उनके बातों को मानती हैं उन्हें माता सीता का रूप माना गया है और माता सीता मां लक्ष्मी का ही एक रूप है।