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नार्थईस्ट के बाद क्या जम्मू से भी हो जाएगी AFSPA की विदाई? तेज हुई अटकलें

नार्थईस्ट के तीन राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और असम से AFSPA को आंशिक रूप से हटाए जाने के बाद अब इस कानून को जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से हटाने की संभावना को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA), 1958 के तहत सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक भौगोलिक स्थान को अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी से मामले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, ‘जम्‍मू कश्‍मीर के कुछ हिस्‍सों से AFSPA हटाने जैसा अति संवेदनशील फैसला सरकार के उच्‍चतम राजनीतिक स्‍तर पर जमीनी स्थिति के गहन आकलन के बाद ही लिया जा सकता है।’ खास बात है कि AFSPA कई बार पूर्वोत्तर राज्यों में सवालों के घेरे में आ चुका है।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार अगर सकारात्मक राजनीतिक संदेश देने के लिए कोई फैसला लेती है तो पहले जम्मू शहर की सुरक्षा स्थिति का विश्लेषण किया जा सकता है। अधिकारी ने आगे कहा कि, ‘कश्मीर घाटी में AFSPA में बदलाव पर किसी भी प्रकार के विचार की संभावना बहुत ज्यादा कम है।’

मणिपुर का हवाला देते हुए एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चार थाना क्षेत्रों को छोड़कर, राज्य के जिन इलाकों से AFSPA हटाया गया, वे सभी ज्यादातर इंफाल शहर के क्षेत्र में थे। AFSPA सुरक्षा बलों को किसी को भी गिरफ्तार करने और बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने का अधिकार देता है। इसके अलावा गोलीबारी में किसी आम व्यक्ति की जान जाने पर यह सुरक्षा बलों को गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट भी प्रदान करता है।