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राम मंदिर के बाद अब मथुरा की बारी

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का अतिक्रमण कर और लुटेरे औरंगजेब द्वारा बनवाए गए शाहिद का मस्जिद को हटाने के लिए दायर की गई याचिका को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन समिति समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर अपना अपना पक्ष रखने को कहा है।

सत्र न्यायाधीश देवकांत शुक्ला ने याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने इस बात को स्वीकार करने योग्य माना है, न्यायाधीश का कहना है इसकी विस्तृत सुनवाई होगी। सभी पक्षों को “मार्च 8 2021” तक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना अपना पक्ष रखना होगा। याचिकाकर्ता पवन कुमार शास्त्री का दावा है कि, श्री कृष्ण जन्मभूमि के 13 एकड़ के कटरा केशव देव मंदिर के परिसर पर 17 वीं शताब्दी में शाही ईदगाह बनाया गया था। उनका कहना है कि अभी जहां मस्जिद है वहां कभी कंस का कारागार हुआ करता था और वहीं पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हमलावर मुगलों ने पहले इसे क्षतिग्रस्त किया फिर तुड़़वा कर मस्जिद बनवा दिया।

पवन कुमार शास्त्री जी ने अपनी याचिका में प्रमुख रूप से तीन अनुरोध किए हैं जो कुछ इस प्रकार है:

ईदगाह मस्जिद वाली जमीन पर पूर्ण रूप से दावा किया गया है और पूरी जमीन वापिस मंदिर को देने का आग्रह किया गया है|

वर्ष 1967 मैं मथुरा की अदालत ने जो फैसला लिया था उसे पूर्ण रूप से रद्द करने की मांग की गई है|

पवन कुमार शास्त्री ने अपनी याचिका में शाही ईदगाह प्रबंधन समिति एवं लखनऊ स्थित सुननी वक्फ़ बोर्ड अध्यक्ष को मौजूदा स्थान से मस्जिद को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध भी अदालत से किया है।

आज तक के अनुसार अदालत ने कहा है कि इस केस को विस्तृत सुनवाई के लिए स्वीकार किया जाता है और अधिवक्ता संजय गोड बातचीत में यह भी कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाहि ईदगाह प्रबंधन समिति के सचिव ,श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रबंधन श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को समन जारी कर 8 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

हमें यह भी ज्ञात होगा कि बीते दिन लोगों के एक समूह ने मथुरा के अदालत में याचिका दाखिल करते हुए दावा किया था कि 13.37 एकड़ मे बने कटरा केशव देव मंदिर परिसर में बनी 17 वी सदी की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण का जन्म स्थान है, यहां मस्जिद से पहले कंस का कारागार स्थित था जिसे ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई थी परंतु उनकी याचिका खारिज कर दी थी, पर अब ऐसा लगता है कि उन सभी के सपने पूरे होंगे और यह पूरी जमीन केशव देव मंदिर परिसर को दे दी जाएगी।

Written by Aditya Raj

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