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यूपी के बाद अब दिल्ली में भी हो सकता है बिजली कटौती का संकट

कोयले की कमी को लेकर गहराते संकट के बीच उत्तर प्रदेश के बाद अब दिल्ली दिल्ली में भी बिजली का संकट गहराने लगा है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में बिजली आपूर्ति को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है।
इस बिजली संकट को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए गुरूवार को एक आपातकालीन बैठक की है। सत्येंद्र जैन ने केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता को लेकर आश्वासन देने को भी कहा है।

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा कि, “दो पावर स्टेशन में 1-2 दिन का ही कोयला बचा है। एनटीपीसी दादरी-2 और ऊंचाहार पावर स्टेशन में 1-2 दिन का ही कोयला बचा है।” इसमें आगे कहा गया कि ‘‘दादरी-द्वितीय और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत हो सकती है।”
इस बीच, गुरुवार को दिल्ली में पहली बार पीक पावर डिमांड अप्रैल महीने 6,000 मेगावॉट पहुंची, ये एक रिकॉर्ड है। वहीं, डिस्कॉम का आंकलन है कि इस बार गर्मी में पीक पावर डिमांड अब तक के सबसे ऊंचे शिखर 8200 मेगावॉट तक पहुंच सकती है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि देश भर के ताप विद्युत संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे देश में बिजली संकट उत्पन्न होने की आशंका बढ़ रही है।