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दिल्ली ऑक्सीजन मामले पर गंभीर हुए आक्रामक, कहा- अरविंद केजरीवाल को शर्म है तो तुरंत देश से मांगे माफी

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने कहा है कि कोरोना महामारी जब चरम पर थी तो केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में ऑक्सीजन की डिमांड जरूरत से चार गुना ज्यादा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन की जरूरत केवल 289 मीट्रिक टल थी, लेकिन केजरीवाल सरकार ने चार गुना ज्यादा 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। अब केजरीवाल सरकार सवालों के घेरे में है। बीजेपी के नेता लगातार अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हैं।

बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि जब सबको एकजुट होकर महामारी के खिलाफ लड़ना था तब घबराहट क्यों पैदा की गई? 279 मीट्रिक टन की जरूरत थी तब क्यों बोला गया कि 1100 मीट्रिक टन की जरूरत है? आपने निजी अस्पतालों को क्यों कहा कि अपनी मांग बढ़ाकर केंद्र को बताइये। अगर अरविंद केजरीवाल को शर्म है तो तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और ऑक्सीजन को जरूरत को चार गुना बताने के लिए देश से माफी मांगे। ऐसे वक्त में भी इतनी घिनौनी राजनीति सिर्फ एक ही व्यक्ति कर सकता है और उसका नाम अरविंद केजरीवाल है।

क्या है पूरा मामला
ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित कमिटी के मुताबिक दिल्ली की तरफ से 25 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन की जो मांग रखी, वह वास्तविक आवश्यकता से 4 गुना तक अधिक हो सकती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन की सप्लाई की जाए। कोर्ट में बहस के दौरान केंद्र के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा था कि दिल्ली को अधिकतम 415 मीट्रिक टन की जरूरत है।