वायु गुणवत्ता पैनल ने केंद्र, राज्य एजेंसियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया
एनसीआर के वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने केन्द्र और एनसीआर की राज्य सरकारों की सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को ग्राप के चरण-I के तहत कार्रवाई को सख्ती से लागू करने का निर्देश दोहराया है।
सीएक्यूएम ने नागरिकों से भी नागरिक चार्टर के विभिन्न चरणों के पालन में सहयोग करने और क्षेत्र में समग्र वायु गुणवत्ता को बेहतर करने लिए ग्राप उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता करने का आग्रह किया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 5 अक्टूबर 2022 को गिरकर “खराब” श्रेणी में पहुंच गई थी, हालांकि बाद में इसमें सुधार हुआ। चूंकि वायु गुणवत्ता फिर से “खराब” श्रेणी में पहुंच गई है, इसलिए सभी संबंधित पक्षों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्राप) के चरण-I के तहत कार्रवाई तेज करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की वायु गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण में कमी लाने के अपने गहन प्रयासों को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा कर रहा है और साथ ही आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए मौसम संबंधी पूर्वानुमानों और वायु गुणवत्ता “खराब” श्रेणी सूचकांक के अनुरूप एनसीआर में वायु गुणवत्ता मानकों की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
ग्राप के तहत कार्रवाई करने के लिए गठित उप-समिति ने 5 अक्टूबर 2022 को हुई अपनी बैठक में ग्राप के चरण-I – ‘खराब’ वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 201-300 के बीच) – के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयों को लागू करने का निर्णय लिया। ग्राप – ‘खराब’ वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 201-300 के बीच) के चरण-I के तहत कार्रवाई करने का आदेश तदनुसार 5 अक्टूबर 2022 को जारी किया गया था और अभी भी लागू है।
संशोधित ग्राप के अनुसार, ग्राप के चरण 1 के अनुसार 24- सूत्री कार्ययोजना 5 अक्टूबर 2022 से पूरे एनसीआर में पहले से ही प्रभावी है।
इस 24-सूत्री कार्ययोजना में संबंधित एनसीआर राज्य सरकार के ‘वेब पोर्टल’ पर पंजीकृत नहीं रहने वाले 500 वर्गमीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंडों में निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों को बंद करने; निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) से उत्पन्न कचरे के धूल का शमन करने के उपायों और पर्यावरण के अनुकूल ध्वनि प्रबंधन से संबंधित दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन; समर्पित डंप साइटों से म्यूनिसिपल द्वारा ठोस अपशिष्टों (एमएसडब्ल्यू), निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) से उत्पन्न कचरे और खतरनाक कचरे का नियमित उठान; सड़क पर समय-समय पर मशीनीकृत सफाई और/या पानी का छिड़काव; सी एंड डी साइटों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग; बायोमास और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रतिबंध; पीयूसी मानदंडों की सख्त निगरानी और प्रवर्तन; बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में डीजी सेट का उपयोग नहीं करने के लिए कड़े प्रतिबंध; औद्योगिक क्षेत्रों में केवल स्वीकृत ईंधनों का उपयोग; आदि जैसे कदम शामिल हैं। इन कदमों को विभिन्न एजेंसियों, एनसीआर और डीपीसीसी में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा सख्ती से लागू / सुनिश्चित किया जाना है।
इसके अलावा, ग्राप के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर और डीपीसीसी के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) को ग्राप के तहत चरण की कार्रवाई के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सूचित किया गया है। ग्राप की विस्तृत संशोधित अनुसूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे www.caqm.nic.in के माध्यम से देखा जा सकता है।
आयोग समय-समय पर इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नीतिगत पहलों और कार्रवाइयों से युक्त सलाह और निर्देश जारी करता रहा है। सीएक्यूएम ने एनसीआर में राज्य सरकारों तथा अन्य एजेंसियों को अब तक 68 दिशा-निर्देश और 7 परामर्श जारी की हैं।