अखिलेश यादव ने दिया विवादित बयान, कहा धर्म भी अंधविश्वास होता है; भाजपा को मिला चुनावी मुद्दा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा एक इंटरव्यू में कही एक बात की धर्म भी कभी-कभी अंधविश्वास होता है… को भाजपा ने लपक लिया है और भगवा पार्टी इसे बड़ा एजेंडा बनाने में जुट गई है। भाजपा ने कहा है कि अखिलेश यादव ने जनता की भावनाओं को आहत किया हैं और इसके लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।
अखिलेश ने क्यों कही यह बात?
दरअसल, सोमवार को सपा अध्यक्ष से एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पूछा गया था कि वह अपने कार्यकाल में कभी नोएडा क्यों नहीं गए। अखिलेश ने पहले तो सपा द्वारा नोएडा में किए गए कामों को गिनाकर सीधा जवाब देने से बचते नज़र आए। मगर उनसे जब दोबारा यही सवाल पूछा गया तो मुस्कुरातें हुए उन्होंने नोएडा वाली डर का सच स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि, ”मैं नोएडा इसलिए नहीं गया क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो नोएडा चला जाता है वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाता है। हमारे बाबा मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) नोएडा हो आए अब वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।” जब एंकर ने इसे अंधविश्वास कहा तो उन्होंने कहा कि, ”हां, तो धर्म भी कभी-कभी अंधविश्वास होता है।”
भाजपा को मिला मुद्दा
अखिलेश यादव की हिंदू विरोधी छवि बनाने में जुटी भाजपा ने इस मुद्दे को लपकने में देर नहीं की। भाजपा के ट्विटर हैंडल से उनके इंटरव्यू के इस हिस्से को ट्वीट करते हुए लिखा गया, ”’चुनावी हिंदू’ को धर्म अंधविश्वास ही लगेगा…” वहीं, उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी उनके इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। मौर्य ने कहा, ”धर्म को अंधविश्वास बताने से जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा हैं। मैं चाहता हूं कि वे जनता से माफी मांगे।”