अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड ने किया बड़ा ऐलान, कहा भारत में कार बनाना होगा बंद
भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना के लिए एक बड़ा झटका। अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड ने कहा है कि भारत के बाजार में उसकी एक स्थिर जगह बनाने की कोशिशें नाकाम हो गईं है। कंपनी अब भारत में कारें नहीं बनाएगी क्योकि पिछले 10 साल में उसे दो अरब डॉलर से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। 2019 में उसकी 80 करोड़ डॉलर की संपत्ति बेकार हुई है।
कंपनी के अध्यक्ष और महाप्रबंधक अनुराग मेहरोत्रा ने एक बयान में कहा, “हम लंबी अवधि में मुनाफा कमाने के लिए एक स्थिर रास्ता खोजने में नाकाम रहे और उम्मीद है कि कंपनी के पुनर्गठन में करीब दो अरब डॉलर का खर्च आएगा। इसमें से 60 करोड़ तो इसी साल खर्च हो जाएंगे, जबकि अगले साल 12 अरब डॉलर का खर्च होगा। बाकी खर्च आने वाले सालों में होगा।
फोर्ड की फैक्ट्री पश्चिमी गुजरात में है। जहां निर्यात के लिए कारें बनाई जाती हैं। फैक्ट्री का कामकाज साल के आखिर तक बंद कर दिया जाएगा। फोर्ड का इंजन बनाने वाली और कारों को असेंबल करने वाली फैक्ट्रियां चेन्नै में हैं। जिन्हें अगले साल की दूसरी तिमाही तक बंद कर दिया जाएगा। इस कारण करीब चार हजार कर्मचारियों पर असर पड़ेगा ।
आईएचएस मार्किट नामक फर्म के असोसिएट डाइरेक्टर गौरव वंगाल ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, “कार निर्माण क्षेत्र के लिए यह बड़ा झटका है। भारत में कार बनाकर अमेरिका निर्यात करने वाली यह एकमात्र कंपनी थी और वे ऐसे वक्त में जा रहे हैं जब हम कार निर्माताओं को निर्माण के बदले लाभ देने पर विचार कर रहे है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन ने फोर्ड के इस फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा है कि इस कारण कार डीलरशिप से जुड़े लगभग 40 हजार कर्मचारी प्रभावित होंगे। असोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा, “मेहरोत्रा ने खुद मुझे फोन किया और कहा कि वे उन डीलरों को समुचित मुआवजा देंगे ,जो ग्राहकों को सेवाएं देना जारी रखेंगे। यह अच्छी शुरुआत है लेकिन काफी नहीं है।