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अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय जम्मू कश्मीर दौरे के पहले दिन श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने तीन दिन के जम्मू कश्मीर दौरे के पहले दिन श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। केन्द्रीय गृह मंत्री जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद जवान परवेज़ अहमद दार के घर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अमित शाह ने उनके परिजनों से भेंट की और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये श्रीनगर से शारजाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन भी किया। श्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर यूथ क्लबों के सदस्यों के साथ संवाद भी किया। इसमें वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के युवा भी शामिल हुए। कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और केन्द्रीय मंत्री श्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि वे लगभग सवा दो साल बाद यहां आए हैं और जम्मू कश्मीर के युवाओं से मिलकर आनंद का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में परिवर्तन के वाहक केवल युवा होते हैं और उनकी सहभागिता के बिना परिवर्तन संभव ही नहीं है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने एक नए कश्मीर की रचना की शुरूआत की है।

उन्होंने कहा कि जिस कश्मीर से ढाई साल पहले तक पथराव, आतंकवाद, हिंसा के समाचार आते थे, उसी जम्मू कश्मीर का युवा विकास, कौशल विकास, रोज़ग़ार, पढ़ाई के वजीफ़े की बात कर रहा है, कितना भारी बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव की बयार को कोई ताक़त रोक नहीं सकती और कश्मीर में एक नए युग की शुरूआत होगी और इसके लिए ऐसे कार्यक्रम ज़रूरी हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों में सबसे ज़्यादा उपयोगी यूथ क्लब का प्रयोग है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की लगभग 70 प्रतिशत आबादी 35 साल की आयु से कम है और अगर इस 70 प्रतिशत आबादी के मन में आशा जगाई जाए, इनका हौसला बढ़ा दिया जाए, इन्हें विकास के कामों के साथ जोड़ दिया जाए, उनकी पढ़ाई, कौशल विकास और रोज़ग़ार की चिंता हो और अगर उन्हें कश्मीर की शांति और विकास का राजदूत बनाया जाए, तो कश्मीर की शांति में कोई कभी ख़लल नहीं पहुंचा सकता।

अमित शाह ने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर में 4500 युवा क्लब पंजीकृत हैं, जिनमें से 4229 युवा क्लब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो वहां के युवाओं को विकास, खेल की किसी ना किसी गतिविधि के साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं, उनकी शिक्षा, रोज़ग़ार, कौशल उन्नयन की चिंता की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये एक बहुआयामी कार्यक्रम है जिससे आजीविका का सृजन भी होता है, शिक्षा और कौशल विकास भी आगे बढ़ते हैं, आर्थिक विकास और अनुदान भी मिलता है, परामर्श और निर्देशन भी मिलता है और स्वास्थ्य उन्नयन की भी काफ़ी सारी चीज़ें इसमें जोड़ी गई हैं। सबसे महत्वपूर्ण चीज़ युवाओं को खेल के साथ जोड़ना है क्योंकि खेल ही हमें हार और जीत से परिचित कराता है और युवा इसके ज़रिए पर्यटन और मनोरंजन के साथ भी जुड़ता है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्वव में जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक लक्ष्य रखा है कि हर पंचायत और शहरी वार्ड में एक यूथ क्लब बने,हर युवा क्लब को 25000 रूपए की सहायता देने का कार्यक्रम बनाया गया है, डेढ़ सौ से ज़्यादा क्लबों को भवन उपलब्ध कराए गए हैं, पूरे जम्मू-कश्मीर में स्पोर्ट्स एंगेजमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों, जैसे आपातकाल प्रबंधन, स्वास्थ्य, कम्युनिकेशन, स्किल, कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग के साथ इन युवा क्लबों को जोड़कर इनका बहुआयामी उपयोग पूरे जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए करने का भारत सरकार ने निर्णय किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन संभावनाओं से भरपूर होता है, लेकिन ये व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसके सामने जो संभावनाएं मौजूद हैं, वो उनका उपयोग कैसे करता है। ये युवा को तय करना है कि क्या वो नकारात्मक मानसिकता के साथ बैठना चाहता है या फिर आशावादी मानसिकता के साथ संभावनाओं का संपूर्ण दोहन कर सबसे आगे निकलना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत में हर युवा के लिए अपार संभावनाएं हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्ट-अप और कई अन्य कार्यक्रम युवाओं के लिए शुरू किए हैं। मोदी जी ने कई ऐसे प्लेटफ़ॉर्म शुरू किए हैं जिनके ज़रिए जम्मू-कश्मीर के छोटे से छोटे गांव का युवा गांव में ही रहकर वैश्विक मंच पर सीना तानकर खड़ा हो सकता है। श्री शाह ने कहा कि इन सभी संभावनाओं का दोहन करने के लिए आपको मार्गदर्शन, सूचना और मौक़ा चाहिए, और ये यूथ क्लब इन तीनों चीज़ों को आपको उपलब्ध कराएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने युवाओं से आग्रह किया कि जीवन में लक्ष्य कभी छोटा नहीं रखना चाहिए। लक्ष्य तय करते समय ये नहीं सोचना चाहिए कि ये पूरा होगा या नहीं, क्योंकि लक्ष्य पूरा होना आपके हाथ में नहीं है। आप लक्ष्य तय करके उसकी दिशा में चलना शुरू करो, ईश्वर ज़रूर आपकी सहायता करेगा और आप बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकोगे। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने छोटे लक्ष्य रखे और उनका कुछ नहीं हुआ, लेकिन जिन्होंने बड़े लक्ष्य रखे, वो शुरू में शायद भटकते हुए दिखाई दिए, लेकिन जोश के साथ जो मेहनत और प्लानिंग करता है, वो निश्चित रूप से सफल होता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब देश में 20 हज़ार गांव ऐसे थे जहां बिजली का खंभा तक नहीं था। अगर और कोई प्रधानमंत्री होता तो शायद ये लक्ष्य रखता कि 20 हज़ार गांवों में बिजली पहुंचा देंगे, लेकिन मोदी जी ने लक्ष्य तय किया कि 2022 से पहले देश के हर गांव ही नहीं बल्कि हर घर में बिजली पहुंचाई जाएगी और आज देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम तय हो चुका है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी हर बार कश्मीर के विकास की समीक्षा करते हैं और इसी प्रकार प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की बात निकली और प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कश्मीर ने बहुत घाव सहे हैं। देशभर में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना हर ग़रीब के लिए है, कश्मीर में ये योजना हर कश्मीरी के लिए होगी और आज पांच लाख रूपए तक का स्वास्थ्य का ख़र्चा हर कश्मीरी परिवार का प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना और सेहत के ज़रिए हो रहा है।

अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 की तारीख़ कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाने वाली तारीख़ है। कश्मीर में एक नई शुरूआत हुई. दहशत, आतंकवाद, भय, भ्रष्टाचार, परिवारवाद का अंत होकर शांति, विकास, समृद्धि और सहअस्तित्व के एक नए युग की शुरूआत हुई। जम्मू-कश्मीर के युवाओं को इसे बल देना है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर काफ़ी दुष्प्रचार होता है कि हमें क्या मिला। आज 45 हज़ार से ज़्यादा युवा यहां बैठे हैं और सभी कहते हैं कि हमें अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से कश्मीर को मदद मिलती है और मिलनी भी चाहिए क्योंकि कश्मीर ने बहुत सहा है। लेकिन, एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब कश्मीर भारत के विकास में योगदान देकर, लेने वाला नहीं, भारत को देने वाला प्रदेश बने और ये ज़िम्मेदारी जम्मू-कश्मीर के युवाओं की है।

शाह ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से कहा कि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है, ना वे किसी मुख्यमंत्री या विधायक के पुत्र हैं, लेकिन ये लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है कि नीचे से उठकर वे इतने बड़े देश के गृह मंत्री बन सकते हैं। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से पूछा कि क्या 5 अगस्त 2019 से पहले कश्मीर का युवा इस देश का मंत्री, उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनने के बारे में सोच सकता था। उन्होंने पूछा कि 70 साल की जम्हूरियत ने क्या दिया, 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार। लेकिन मोदी जी ने 30 हज़ार चुने हुए प्रतिनिधि देने का काम इतने कम समय में किया है।

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में 4291 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हुआ, ब्लॉक विकास परिषद में 285 तहसील पंचायतों का और ज़िला परिषद की 280 सीटों का चुनाव हुआ और लोगों ने लगभग 98 प्रतिशत लोगों ने बढ़-चढ़ कर वोट डाले और लगभग 30 हज़ार प्रतिनिधि आज अपने अधिकार का उपयोग कर जम्मू-कश्मीर की सेवा कर रहे हैं। शाह ने कहा कि जो लोग चिल्ला रहे हैं वो इसीलिए चिल्ला रहे हैं कि जम्हूरियत तीन परिवारों की गिरफ़्त से निकल कर एक ग़रीब के घर में गई है। नरेन्द्र मोदी जी ने लोकतंत्र को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने का काम किया है और जम्मू-कश्मीर में इतने सालों के बाद लोकतंत्र की शुरूआत की है।

अमित शाह ने कहा कि देश भर में त्रिस्तरीय पंचायत की शुरुआत बहुत साल पहले हो गई थी लेकिन जम्मू कश्मीर में नहीं हुई। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था शुरू होने से सबसे बड़ा अवसर जम्मू कश्मीर के युवाओं को मिला है। श्री शाह ने कहा कि गाँव के युवा ही पंच सरपंच, ज़िला पंचायत सदस्य, विधायक और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन सकते हैं और देश की संसद में भी जा सकते है। यह अवसर पहले कुछ परिवारों तक ही सीमित था लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने एक नई शुरुआत की है और युवाओं को इस प्रक्रिया से जुड़ना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार में भी कमी हुई है। बिना एक पैसा ख़र्च करे हर घर में गैस पहुँची है, छात्रों को वजीफे मिले हैं और पारदर्शी तरीक़े से भर्ती हुई है। अगर आपके पास मैरिट है, कौशल है तो बिना किसी सिफ़ारिश के नियुक्ति पत्र घर पर जाएगा। उन्होंने कहा कि आज किसी विधवा की सहायता राशि, वृद्ध की पेंशन, बच्चों का वज़ीफ़ा और किसानों को मोदी जी द्वारा भेजे जाने वाले 6000 हज़ार रुपये सीधे उनके बैंक खातों में आ जाते हैं।

अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के युवाओं से पूछा कि क्या पहले उन्होंने कभी इस प्रकार की व्यवस्था के बारे में सोचा था और 5 अगस्त 2019 से पहले क्या यह संभव था। उन्होंने कहा कि यह पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का ख़ात्मा जम्मू कश्मीर के विकास की नींव है। भ्रष्टाचार ने इस राज्य की जड़ें दीमक की तरह खोखली कर दी थीं और और इसमें से बाहर लाने का काम भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज़ादी के बाद भारत सरकार ने प्रतिव्यक्ति सबसे ज़्यादा मदद किसी राज्य को दी है तो वो है जम्मू कश्मीर है लेकिन इसके बावजूद क्या ग़रीबी और बेरोज़गारी गई, क्या आधारभूत ढाँचा बढ़ा? आधारभूत ढांचा और ग़रीबी जाने का ज़रिया अब बना है। उन्होंने कहा कि युवा पढ़ाई लिखाई के लिए पहले बाहर जाते थे लेकिन अब सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं और 11 नर्सिंग कॉलेज बनाए हैं। जम्मू कश्मीर के युवाओं को, यहाँ के ग़रीब परिवारों के तेजस्वी बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए अब जम्मू कश्मीर के बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग ये दावा करते थे कि यहाँ आतंकवाद बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि 2004-2014 तक 2081 नागरिकों की मृत्यु हुई, प्रतिवर्ष 208, जबकि 2014-2021 तक प्रतिवर्ष 30 लोगों की मृत्यु हुई। श्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद कम हुआ है और पथराव अदृश्य हो गया है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात का विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि जो लोग जम्मू कश्मीर की शांति में ख़लल डालना चाहते हैं उनके साथ हम सख़्ती से निपटेंगे। विकास की जो यह यात्रा शुरू हुई है उसमें कोई भी रोड़ा नहीं अटका पाएगा।

उन्होंने कहा कि अब तक जम्मू कश्मीर में आतंकवादी, सेना, सुरक्षाकर्मी और नागरिकों समेत 40000 लोगों की जानें गई हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह ख़त्म करना है कि नहीं? दहशतगर्दी और विकास दोनों एकसाथ संभव हैं क्या? उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हो सकता। श्री अमित शाह ने कहा कि विकास की पहली शर्त है कि यहाँ पर शांति हो। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए प्रयास कर सकती है लेकिन दहशतगर्दी समाप्त करने का काम यहाँ मौजूद 45,000 युवाओं को करना है। आप लोगों को शांति और विकास दूत बनकर पूरे जम्मू कश्मीर के युवाओं के बीच यह संदेश लेकर जाना है कि यह हमारे जीवन को आगे बढ़ाने का रास्ता नहीं है और हो भी नहीं सकता। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पास में ही पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर है और यहाँ के कश्मीर और उस कश्मीर के विकास की तुलना कर लेना कि उन्हें गरीबी, अंधेरे और धुंए के अलावा क्या मिला,जबकि यहाँ विकास के एक नए दौर की शुरुआत हुई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के सभी युवाओं से अपील करता हूँ कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सभी सलेक्शन बोर्ड द्वारा 25 हज़ार सरकारी नौकरियां दो साल के अल्पकाल में बिना किसी भ्रष्टाचार के दी हैं। उन्होंने कहा कि कल ही सात हज़ार लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। खादी विकास बोर्ड ने क़रीब चार लाख लोगों को रोज़गार देने की शुरुआत हुई है।

अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार हाल ही में जम्मू कश्मीर के लिए एक नई औद्योगिक नीति लेकर आयी है और मोदी जी ने इसमें कश्मीरी युवाओं के लिए मन खोलकर मदद भेजी है। पूरे देश में इतनी आकर्षक औद्योगिक नीति किसी अन्य राज्य की नहीं है। इसी वजह से आज़ादी के बाद से सिर्फ 15,000 करोड़ से ज़्यादा का निवेश आया जबकि नई औद्योगिक नीति आने के छह महीने में ही जम्मू कश्मीर मे 12 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। श्री अमित शाह ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि 2022 में हम 50,000 करोड़ का निवेश पार कर जाएँगे। उन्होंने कहा कि जब निवेश और उद्योग आता है तो उसके साथ रोज़गार भी आता है जिससे कर मिलता है और राज्य सरकार विकास करती है। इससे कृषि को भी बढ़ावा मिलता है और कृषि उत्पाद बेचने की व्यवस्था भी होती है। इस सबके लिए निवेश का आना बहुत ज़रूरी है और इसकी शुरुआत हो चुकी है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा जम्मू कश्मीर में 9 मेडिकल कॉलेज और 15 नर्सिंग कॉलेज बनाने की योजना है जिसमें से 7 का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 1947 से 2014 तक मेडिकल की 500 सीटें थीं जबकि आज MBBS की 1150 सीटें हो चुकी है और 1100 और होने वाली हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही जम्मू कश्मीर में IIT, NIT, IIM, NIFT, IIMC, कैंसर इंस्टीट्यूट और पॉलीटेक्निक आ चुके हैं। शाह ने कहा कि 70 साल में यह क्यों नहीं हुआ क्योंकि उनको विकास नहीं करना था बल्कि भावनाओं को भड़ककर और सियासत कर अपना राजनीतिक खेल खेलना था, अपने परिवार के पास सत्ता को बाँधकर रखना था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्हूरियत इसलिए नहीं होती बल्कि इसलिए होती है कि देश का पैसा और विकास अंतिम से अंतिम और ग़रीब व्यक्ति तक पहुँचे और नरेन्द्र मोदी जी यही चाहते हैं। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के फ़्लैगशिप कार्यक्रमों को देश भर में सबसे अच्छी तरीक़े से जम्मू कश्मीर में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि यहाँ पर स्वच्छ भारत का काम लगभग पूरा हो चुका है, हर घर में शौचालय पहुँचा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क़रीब 55000 गरीबों को घर देने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है और 11000 लोगों को घर देने का काम पूरा हो गया है। जल जीवन मिशन के तहत दो ज़िलों में हर घर में नल से जल पहुँचाने का काम समाप्त हो गया है और और 11 ज़िलों में इस साल दिसंबर तक यह पूरा हो जाएगा जबकि सात ज़िलों में सितंबर 2022 तक पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगले साल पूरे जम्मू कश्मीर में हर घर में नल से शुद्ध पीने का पानी पहुँचाने की व्यवस्था करेंगे। सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी और अस्पतालों में नल से पानी पहुँच गया है। सेहत योजना के तहत हर नागरिक को अपने स्वास्थ्य के लिए पाँच लाख रुपये तक कोई ख़र्चा करने की ज़रूरत नहीं है।

शाह ने कहा कि देश में सबसे पहले कोरोना टीके की शत प्रतिशत पहली डोज लगाने का काम जम्मू कश्मीर में हुआ और दूसरी डोज का काम भी 50 प्रतिशत पूरा हो गया है। आबादी के हिसाब से सबसे अधिक ऑक्सीजन प्लांट जम्मू कश्मीर को दिए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि सौभाग्य, इन्द्र धनुष, उजाला और उज्ज्वला जैसी लगभग सभी योजनाओं का जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की पाँच छात्रवृत्ति योजनाओं में शत प्रतिशत काम पूरा हो गया है और अब लगभग साढ़े पाँच लाख विद्यार्थियों को वज़ीफ़ा मिल रहा है। PM किसान योजना के तहत लगभग 12 लाख किसानों को कवर किया है। नई औद्योगिक नीति में निजी इंडस्ट्री में युवाओं के लिए क़रीब 5 लाख रोज़गार पैदा होंगे। चौथी श्रेणी के 10,000 रिक्त पदों में से क़रीब 8900 पद भरने का काम समाप्त हो गया है। सेवा आयोग ने परीक्षा आयोजित कर 830 लोगों का चयन किया है।

अमित शाह ने कहा कि इसके अलावा भी बहुत सारे काम किए गए हैं। पहाड़ी लोगों, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों और आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। गुर्जर भाइयों को भी आरक्षण का फ़ायदा मिलने वाला है। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। 2020 में 36700 पर्यटक ज़्यादा आए थे और 2021 मार्च में पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़कर 1,13,000 हो गई।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि लगभग 70 सालों से 3 परिवारों ने ही यहां राज किया है हम तो दो ढाई साल राज में रहे। 40000 लोग जो मारे गए इसका उनके पास क्या जवाब है? उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद जिस प्रकार से भावनाएं भड़काने का कार्यक्रम बना था, षड्यंत्र बना, कुछ विदेशी ताकते भी उस षड्यंत्र में जुड़ी थी, अगर हम कर्फ्यू न लगाते तो न जाने कितने बूढ़े बाप अपने युवा बेटों का जनाजा कंधे पर लेकर जाते। श्री अमित शाह ने कहा कि कर्फ्यू लगाने से कश्मीर का युवा बचा है, इंटरनेट बंद किया जिससे युवा बच सके। आज परिस्थिति सामान्य है, सब खोल दिया है, सब रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, पढ़ रहे हैं, आगे बढ़ रहे हैं, इंडस्ट्री आ रही है, टूरिज्म आ रहा है। उन्होंने कहा कि उस वक्त उकसा कर, दबाव बनाकर, बदनाम कर कर्फ्यू उठवाना उनका लक्ष्य था, कर्फ्यू उठेगा, दहशतगर्दी बढ़ेगी, लोगों का संघर्ष होगा, लोग मारे जाएंगे और हम अपनी राजनीतिक रोटी सेकते रहेंगे।

शाह ने कहा कि फिर भी अगर इससे किसी को तकलीफ होती है तो मैं आज सबको कहना चाहता हूं कि आपके लंबे भले के लिए थोड़े समय की तकलीफ आपको दी गई है। जैसे बीमारी में डॉक्टर हमें कड़वी दवा देता है इस प्रकार की यह तकलीफ थी, इससे आपके बच्चे ही सुरक्षित हुए हैं, मेरे कश्मीर के युवा भाई बहन ही सुरक्षित हुए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मनोज जी और मोदी जी हर रोज कश्मीर की चिंता करते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं इतना स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि कश्मीर ही हमारी मैनलैंड है, कश्मीर को पहले भारत का मुकुट मनी बताते थे, मैं कहता हूं कि यह भारत का दिल है, हर भारतवासी चाहता है कि मेरे कश्मीर के अंदर भी ख़ुशहाली, शांति, अमन, चैन और विकास आए। इस अभियान को लेकर मोदी जी निकले हैं हमे इस अभियान को आगे बढ़ाना है। युवाओं के अलावा परिवर्तन कोई नहीं कर सकता है, अगर समाज की सोच का परिवर्तन करना है तो पहले युवाओं को ही शुरुआत करनी है। हिम्मत आपको ही करनी पड़ेगी। कश्मीर के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी आपकी ही है। सब एकजुट हो जाइए, हम बहकावे में नहीं आएंगे, लोकतंत्र को क्षति नहीं पहुंचाएंगे।

शाह ने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं से दोस्ती करने आया हूँ। आप मोदी जी के साथ जुडिए , भारत सरकार के साथ जुड़िए और कश्मीर को आगे ले जाने की जो यात्रा शुरू हुई है उसमें शामिल हो। बहुत सारी योजनाएं कश्मीर के युवाओं के लिए बनी है मोदी जी कुदरती सौंदर्य के साथ साथ यहां शांति, समृद्धि और विकास को भी देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रशासन ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, यूथ क्लब बनाए हैं, आपको मौका दिया है। आप सब आगे बढ़िए और इस मौके का लाभ उठाइए, लोकतंत्र को मजबूत करिए। युवा गुमराह करने वाले तत्वों को जवाब दें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर की शांति में किसी को खलल नहीं पहुंचाने देंगे और आप निश्चिंत हो जाइए कश्मीर के विकास की यात्रा अब रुक नहीं सकती है। जम्मू कश्मीर को एक आइडियल स्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से समृद्ध बनाने से कोई नहीं रोक सकता।